अगर आप इक्विटी या शेयर बाज़ार में निवेश पहली बार करने जा रहे या अपने कुछ इसके बारे में सुना है, जैसे की इक्विटी में निवेश कर लोग लखपति या करोड़पति बन रहे है? या फिर आप यह जानना चाहते हो कि शेयर बाज़ार में कैसे निवेश किया जाये? तो यह आर्टिकल आपको शेयर बाज़ार में निवेश के अलग- अलग विकल्पों के बारे में बताएगा साथ ही उन्मे से बिगिनर निवेशकों के लिए कौन सा बेहतर होगा यह भी जानने को मिलेगा।
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क्या है शेयर बाज़ार? (What Is Share Market?)
शेयर बाज़ार को समझने के लिए आप अपने पास की सब्ज़ी मंडी का उधारण ले सकते है। जैसे आपको सब्ज़ी मंडी में हर तरह की सब्ज़ी अपने अलग अलग भाव पर मिलती है। उससी तरह शेयर बाज़ार में भी आपको बहुत सारी कंपनी अलग अलग भाव पर मिलेगी।और आपने यह भी अनुभव किया होगा कि जिस सब्ज़ी की डिमांड ज़्यादा होती है पर उसकी सप्लाई कम होती है तो अचानक से कुछ दिनों के लिए या महीनों के लिए उस सब्ज़ी के भाव बड़े हुए नज़र आते है। जैसे की आपने हाल ही में टमाटर और प्याज़ की क़ीमत देखी होगी। यानी की शेयर बाज़ार भी कुछ ऐसे ही काम करता है। आपको इससे जुड़ी एक वीडियो भी नीचे दी गई है उससे ज़रूर देखे विस्तार में जानने के लिए।
शेयर बाज़ार में निवेश कैसे शुरू करे? (How to Start Investing In Share/Stock Market?)
शेयर बाज़ार में निवेश करने के लिए आपको सबसे पहले एक Demat Account खोलना होगा। इस Demat Account की मदद से आप अपना निवेश शुरू कर सकते है। पर रुकिए क्या केवल डिमैट अकाउंट खोल लेने से आपका निवेश शुरू हो जाएगा? नहीं आपको उससे पहले अपने आप को समझना होगा कि आप किस तरह के निवेशक हो? आइए इसको समझते है:
क्यों कर रहे है निवेश?
हर निवेशक को यह ज़रूर जानकारी होनी चाहिए कि आख़िर वो शेयर बाज़ार में क्यों निवेश करना चाहता है? इसको थोड़ा आसान भाषा में समझे तो आप निवेश करने से पहले यह निर्धारीत करे कि इस निवेश से आप क्या उम्मीद रखते है, यह आपके भविष्य की किस समस्या का समाधान देगा? जैसे की किस निवेशक को घर ख़रीदना हो, वो उसके लिए निवेश करना चाहता हो। या फिर उसको लंबे समय में अपने फण्ड पर स्मॉल सेविंग डिपाजिट स्कीम से बेहतर रिटर्न चाहिए। या फिर अपने बच्चे के भविष्य के लिए सेव करना चाहता हो। यहाँ पर बहुत से कारण हो सकते है। पर इन कारण के बार में आपको पता होना चाहिए कि आख़िर आप क्यों निवेश करना चाहते है?
शेयर बाज़ार में निवेश करने के क्या-क्या ऑप्शन है?
आइये हर तरीक़े और इनमें से बेस्ट ऑप्शन को समझने की कोशिश करते है। जैसे की आप स्टॉक मार्केट या शेयर मार्केट में डायरेक्ट स्टॉक्स में निवेश कर सकते है, बाँड्स, म्यूच्यूअल फण्ड के द्वारा, साथ ही ETF जिससे एक्सचेज ट्रेडेड फण्ड के नाम से जानते है। इन सभी निवेश के अपने अपने फ़ायदे और हर निवेशक के लिए ज़रूरी नहीं कि बेस्ट होगा। आपको मैं एक youtube वीडियो देता हुआ जहां पर हमने काफ़ी डिटेल में इस बारे में बात की है किस तरह से आप अपने लिए बेस्ट ऑप्शन को चुन सकते है?
Stocks:
शेयर मार्केट में आप डायरेक्ट किसी भी कंपनी में हिसेदार ख़रीद सकते है। यानी की जब भी किस शेयर या फिर स्टॉक को ख़रीदते है तो आप उस कंपनी के छोटे से हिसे के मालिक हो जाते है जिसका बोला जाता है Shareholder।
अब किस भी कंपनी में आपने निवेश किया जैसे कि मान लेते है आपने रिलायंस में निवेश किया, इस कंपनी में निवेश करने के बाद आप उसके शेयर होल्डर बन गये। इसके साथ ही जैसे जैसे कंपनी ग्रोथ करेगी आपकी भी ग्रोथ होगी यानी की आपके शेयर की ग्रोथ होगी उसकी क़ीमत बड़ेगी।
स्टॉक में निवेश करने का ये मतलब नहीं है आपको केवल ग्रोथ ही देखने को मिलेगा। वॉलटिलिटी या शोर्ट टर्म में किसी तरह की नेगेटिव न्यूज़ आपके निवेश को नुक़सान में भी डाल सकती है। इसलिए निवेश करने से पहले उस स्टॉक या जिस कंपनी के शेयर ख़रीदना चाहते है उसकी जानकारी जुटाये तभी करे।
Bonds
इस निवेश को समझना ज़रूरी है क्योकि बहुत से लोगो को बॉण्ड निवेश समझ ही नहीं आता है कि आख़िर ये काम कैसे करता है? जैसे की आप कभी भी लोन अप्लाई करने जाओ तो बैंक आपसे उस लोन पर कुछ ब्याज चार्ज करता है। जिससे हम Loan पर Interest Rate के नाम से जानते है। उसी तरह जब बैंक या फिर किसी कंपनी को पैसों की ज़रूरत होती है तो वह बाँड्स ज़री करती है, जिसमे एक फिक्स्ड ब्याज दिया जाता है उस कंपनी या बैंक की तरफ़ से। और यही ब्याज हमारा रिटर्न होता है। यह निवेश स्टॉक के निवेश से कम रिस्की होता है। ये एक सुरक्षित निवेश की तरह देखा जाता है। पर यह पर आपको स्टॉक मार्केट की तरह रिटर्न नहीं माईलेज।
Mutual Funds
म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करना एक बेहतर तरीक़ा हो सकता है अगर आपको शेयर बाज़ार के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है तो म्यूच्यूअल फण्ड एक बेहतर विकल्प बन जाता है।
क्योकि शेयर बाज़ार में आपको कंपनी की बैलेंस शीट और कंपनी की पूरी जानकारी निकालनी पड़ती है जिसकी वजह से आपको बहुत सारा मेटल प्रेशर और रिसर्च पेपर्स से गुजरना पड़ सकता है।
म्यूच्यूअल फण्ड में एक फण्ड मैनेजर बनाया जाता है जो आपके पैसे लेकर कुछ अनुभवी लोगो के साथ मिलकर शेयर बाज़ार में निवेश करता है। यह केवल एक स्टॉक में नहीं बल्कि बहुत सारे स्टॉक में निवेश करता है जिससे की अगर बाज़ार में किसी तरह की नेगेटिव न्यूज़ आई है किसी स्टॉक को लेकर तो आपका पोर्टफोलियो ज़्यादा प्रभावित ना हो। यानी की आपका पोर्टफोलियो डायवर्सिफ़ाई हो जाता है। नीचे दी गई वीडियो को आप ध्यान से देखे और समझे की किस तरीक़े से आप अपना निवेश म्यूच्यूअल फण्ड में शुरू कर सकते है?
ETF (Exchange Traded Fund)
एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड यानी की ETF भी म्यूच्यूअल फण्ड की तरह ही काम करता है। ETF में आप स्टॉक की तरह ट्रेड भी कर सकते है। इस निवेश को आप सेम डे पर सेटल कर सकते है। यानी की आप इसमें रोज़ाना ख़रीद और बेच कर सकते है।
ETF NSE या BSE से ख़रीदा जा सकता है। जैसे की आपको म्यूच्यूअल फण्ड में एक फण्ड मैनेजर मिलता है और वो आपके पैसों को लेकर निवेश करता है। वैसे ETF में पहले से ही कुछ स्टॉक का बंडल उसमे लिस्ट होता है। और ETF को एक बेंचमार्क की तरह भी ट्रीट किया जाता है। इस निवेह की और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई वीडियो को ज़रूर देखें:
अब आप कुछ निवेश के बारे में जान चुके है, इनको हम विस्तार में समझेगे की अगर आपको इनमें से कोई भी निवेश करना है तो आप किस तरीक़े से रिसर्च करेगे और अपने लिए बेस्ट विकल्प चुन सकेगे।
जैसे की अगर आप स्टॉक में निवेश करना चाहते है तो उस कंपनी के स्ट्रॉंग ट्रैक रिकॉर्ड को देखना होगा,अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना चाहते है तो आप उस फण्ड के फण्ड मैनेजर और उसकी होल्डिंग के बारे में पता करना होगा। इन सब रिसर्च में कुछ इफ़ोर्ट्स लगेगे पर जबतक आप रिसर्च को सीखेगे नहीं आपको आपका सही निवेश विकल्प नहीं मिल पाएगा। आइये समझते है कैसे आप ये सारे रिसर्च कुछ आसान तरीक़े से कर सकते है।
किसी कंपनी की रीसर्च कैसे करे?(How To Analyze Stock to Invest?)
Indivisual Stock
जब भी आप किसी स्टॉक में निवेश करना चाहते है तो उसकी केवल करंट प्राइस ही मायने नहीं रखती है। उस कंपनी की पास्ट परफॉरमेंस, फाइनेंसियल, जिससे आपको यह समझ आएगा कि ये निवेश आपके लिए सही है या नहीं? आइये कुछ सिंपल रिसर्च के बारे में जानते है:
Revenue And Earning Growth
किस भी कंपनी के अच्छे या ख़राब होने के लिए यह ज़रूरी है कि उस कंपनी ने अपने बीते समय में क्या रेवन्यू बनाया है? और यह रेवन्यू केवल एक सालों का नहीं होना चाहिए। साथ ही रेवन्यू के साथ कंपनी ने कितनी कमाई की है। इससे आपको पता चलेगा कि कंपनी अपनी ग्रोथ पर कितना काम कर रही और जिस कंपनी की रेवन्यू एंड अर्निंग अच्छी होती है वो कंपनी निवेश के लिए अच्छी मानी जाती है।
Financial Stability
फाइनेंसियल स्टेबिलिटी का मतलब होता है कि कंपनी पैसों के मामले में कितना मज़बूत है। इसको आप बहुत ही आसान तरीक़े से ट्रैक कर सकते है। कंपनी हर तीन महीने पर अपनी बैलेंस शीट अपने इंवेस्टर के सामने या पब्लिक में देती है। इस बैलेंस शीट में आपको कंपनी के कैश रिज़र्व, कर्ज और दूसरे फाइनेंसियल मेट्रिक्स को देखना होगा जैसे की एसेट कितने है? इससे आपको पता चलेगा कि कंपनी कितने पानी में है और आप निवेश से पहले सही निर्णय ले पायेगे।
Competitive Advantage
कम्पेटिटिव एडवांटेज का मतलब है कि कंपनी के द्वारा दी जा रही सर्विस या प्रोडक्ट कितना यूनिक है। क्या इस कंपनी के कम्पटीशन को हराया जा सकता है? क्या इसके प्रोडक्ट जैसे दूसरे प्रोडक्ट मार्केट में है और उन प्रोडक्ट की किस तरह की परफॉरमेंस है? कंपनी के प्रोडक्ट या सर्विस जीतने स्ट्रॉंग होंगे वो कंपनी उतना ही अच्छा परफॉरमेंस देगी।
ये कुछ तरीक़े है जिनकी मदद से आप अच्छी कंपनी को चुन सकते है निवेश के लिए। बाक़ी मैं आपको अपने यूट्यूब चैनल की एक वीडियो देता हूँ जिसको देखकर आप अपना पहला स्टॉक चुन सकते है निवेश के लिए।
Mutual funds में Beginner कैसे करे निवेश?
म्यूच्यूअल फण्ड हर इंवेस्टर का पसंदिदा निवेश है, इसका कारण यह है कि इसमें निवेश करने के बाद आपको ज़्यादा सोचना नहीं पड़ता। और निवेश को लौंग टर्म में ग्रो होने के लिए छोड़ दिया जाता है। पर ऐसे ही किसी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना सही नहीं है। वरना आपको अपने इन्वेस्टमेंट पर सही रिटर्न नहीं मिल पाएगा! आइये समझते है कुछ स्टेप जो आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने से पहले देख सकते है।
Performance History
परफॉरमेंस हिस्ट्री को चेक करने के लिए आप गूगल में उस फण्ड का नाम डाले आपको उसकी परफॉरमेंस हिस्ट्री सामने निकल कर आ जाएगी । आप उन वेबसाइट पर पिछले सालों के रिटर्न को देख सकते है और दूसरे म्यूच्यूअल फण्ड फंड्स को एक दूसरे के साथ कम्पेर कर सकते है। और अपने लिए बेस्ट म्यूच्यूअल फण्ड चुन सकते है। जेनरली आपको म्यूच्यूअल फण्ड में पाँच साल से ज़्यादा का इन्वेस्टमेंट प्लान सूचना चाहिए इसलिए आपको पास्ट परफॉरमेंस पाँच साल से ज़्यादा का देखना और कम्पेर करना चाइए।
Investment Strategy
आपको सबसे पहले ये देखना होगा कि आप किस तरह की इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी लेकर आगे बड़ना चाहते है? जैसे की अगर आप डिविडेंड चाहते है तो आपको ऐसे फण्ड में निवेश करना होगा जो डिविडेंड ऑप्शन देता हो और साथ वो ऐसे स्टॉक में निवेश करता हो जो रेगुलर डिविडेंड देता हो। उसी के उलट अगर आप ग्रोथ चाहते है अपने इन्वेस्टमेंट पर तो आपको ऐसे म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना होगा जो ग्रोथ स्टॉक को ट्रैक करता हो और इन स्टॉक में निवेश करता हो। इससे आपको अपने गोल तक पहुँचने में बहुत मदद मिलेगी।
Expense Ratio
यह आपके फण्ड में निवेश करने का खर्च होता है। यानी की अगर आप किसी फण्ड में निवेश कर रहे है तो उसकी कुछ मैनेजमेंट चार्ज देने पड़ते है जिससे एक्सपेंस रेश्यो के रूप में जाना जाता है। एक्सपेंस रेश्यो हर फण्ड का अलग – अलग होता है।
अगर आप रेगुलर फण्ड में निवेश करते है तो उस कंडीशन में आपको ज़्यादा एक्सपेंस रेश्यो देना पड़ता है। वही पर अगर आप डायरेक्ट म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर रहे है तो रेगुलर के मुक़ाबले यह पर आपको कम फण्ड मैंजमेंट खर्च देना पड़ता है।
ETF (Exchange Traded Fund)
आप जब भी एक ETF की रीजर्च करते है तो आपको ETF में लिस्टेड स्टॉक या इन्वेस्टमेंट को की परफॉरमेंस को ट्रैक करना पड़ता है। आइये समझते है कि कैसे कर सकते है?
Holdings
ETF में निवेश करने से पहले उनकी होल्डिंग ज़रूर देख ले। ETF में निवेश आसान है पर कई बार हम ETF में निवेश कर फस जाते है क्योकि वो हमारे गोल को फ़ुलफ़िल नहीं कर पाते।जैसे की अगर कोई निवेश लो रिस्क लेकर निवेश करना चाहता है तो उसे ETF की होल्डिंग में अधिकतर लार्ज कैप के स्टॉक को देखना चाहिए और डेब्ट में भी कुछ पोरशन उस ETF का होना चाहिए। उसी के उलट अगर ETF में निवेश करते समय निवेशक ज़्यादा रिस्क लेकर ज़्यादा रिटर्न बनाना चाहते है तो उनको पूरे इक्विटी वाले ETF में निवेश करना चाहिए।
Performance History
जैसा कि हमने म्यूच्यूअल फण्ड में समझा कि किस तरीक़े से परफॉरमेंस हिस्ट्री को देख सकते है उसी तरह से आप ETF के पास्ट परफॉरमेंस हिस्ट्री को देख सकते है। आप ETF को उसके बेंचमार्क से कम्पेर करके देखें अगर बेंचमार्क से अच्छा परफॉर्म कर रहा है तो इस तरह के ETF में निवेश करना सही निर्णय हो सकता है। वही पर अगर बेंचमार्क से अंडरफ़ॉर्म है तो इस तरह के ETF को अवॉयड करना सही निर्याण होगा।
Expense Ratio
एक्सपेंस रेश्यो यानी की आपके ETF के पोर्टफोलियो को मैनेज करने का खर्च। ये हर ETF के अलग-अलग होते है लेकिन अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड से इसको कम्पेर करते है तो ETF का एक्सपेंस रेश्यो म्यूच्यूअल फण्ड के एक्सपेंस रेश्यो से कम होता है।
अभी हमने सभी तरीक़े के निवेश के बारे में बात ही जिसकी मदद से आप अपना निवेश स्टॉक मार्केट में कर सकते है। यानी अगर आप बिगिनर है तो यह से निवेश अपना शुरू कर सकते है। और इन बताई हुई गाइड की मदद ले सकते है और अपने निवेश पर बेहतर रिटर्न बना सकते है।
आप सभी के मन में होगा की कैसे हम बड़ा फण्ड बना सकते है? किस तरह की इन्वेस्टिंग स्ट्रैटेजी होनी चाहिए? आप इसके लिए हमारे यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है साथ ही आप सभी की मदद के लिए मैंने यहाँ पर आपको लिंक दिया हुआ है। आप इस वीडियो को ज़रूर वॉच करे।
Conclusion(निष्कर्ष)
आप को हमने कुछ ज़रूरी तरीक़े बताये जिससे आप अपना निवेश शुरू कर पाये शेयर बाज़ार में। लेकिन केवल निवेश करने से काम नहीं चलेगा आपको अपने पोर्टफोलियो को समय समय पर रिव्यू करना होगा और कुछ स्टॉक को या फिर ऐसे म्यूच्यूअल फण्ड को बंद भी करना पड़ सकता है। इसलिए आपको थोड़ी बहुत जानकारी होना ज़रूरी है। आप कही भी निवेश करे हर निवेश के बारे में जानकारी ले उसके बाद ही कही अपना पैसा निवेश करे।
अगर आपको इक्विटी या फिर शेयर बाज़ार के रिटर्न का फ़ायदा लेना है तो हमेशा लंबे समय के लिए ही निवेश करे। अगर फिर भी आपको कही दिक़्क़त आती है तो हमारे इंस्टाग्राम या फिर मेल के द्वारा हमे संपर्क कर सकते है।