लाइफ इंश्योरेंस एक फाइनेंसियल प्रोडक्ट है जो आपके परिवार को फाइनेंसियल सिक्योरिटी और सपोर्ट प्रोवाइड करता है । यह आपके डेथ के बाद आपके परिवार को फाइनेंसियल सपोर्ट और सिक्योरिटी देता है । लाइफ इंश्योरेंस (जीवन बीमा ) एक ज़रूरी इन्वेस्टमेंट है जो आपके फाइनेंसियल फ्यूचर को सिक्योर करने में मदद करता है । इससे आपके परिवार को फाइनेंसियल रिस्क्स से बचाया जा सकता है ।
लाइफ इंश्योरेंस से आपके फाइनेंसियल गोल्स को अचीव करने में मदद मिलती है यह एक ज़रूरी प्लानिंग टूल है साथ ही आपके फाइनेंसियल वेल-बीइंग को इनश्योर करता है ।।
आइये विस्तार से जानते है कि life insurance ( लाइफ इंश्योरेंस ) होता क्या है ? इसके टाइप्स क्या क्या है ? एक अच्छा लाइफ इंश्योरेंस प्लान कैसे चूस करे ? इसके फ़ायदे ? लाइफ इंश्योरेंस से जुड़ी हर बात को हम इस आर्टिकल में समझेंगे ।
Table of Contents
क्या होता है लाइफ इंश्योरेंस ?(What Is Life Insurance?)
लाइफ इंश्योरेंस एक कॉंट्रैक्ट है यह एक एग्रीमेंट की तरह काम करता है जो आपके और इंश्योरेंस कंपनी के बीच होता है ।
इस कॉंट्रैक्ट में दो लोग इन्वॉल्व होते है एक एन्श्योर्ड Insured Person (Policyholder) और इंश्योरर (insurer)/ insurance company
एन्श्योर्ड पर्सन या पॉलिसहोल्डर वह है जो लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ख़रीदता है । यह वह है जिसकी लाइफ इंश्योरेंस है ।
इंश्योरर या एंश्युरेम्स कंपनी वह है जो लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ऑफर करता है । यह पॉलिसहोल्डर को फाइनेंसियल प्रोटेक्शन प्रोवाइड करता है ।। इसका एक सिंपल स्टेप होता है कि आप कुछ पैसे यानी की प्रीमियम पे करते है और इंश्योरेंस कंपनी आपके परिवार को फाइनेंसियल सिक्योरिटी प्रोवाइड करती है ।
आइये एक एग्जाम्पल से समझते है –
एक बिज़नेस करने वाले व्यक्ति ने 10 lakh का लाइफ इंश्योरेंस लिया अपने परिवार की सुरक्षा के लिए
क्या होगा अगर उस व्यक्ति की डेथ हो जाती है तो ?
अगर उस व्यक्ति की डेथ हो जाती है तो इंश्योरेंस कंपनी उसके परिवार को 10 lakh Rs. की फाइनेंसियल हेल्प करेगी जिससे उसके परिवार को फाइनेंसियल स्टेबिलिटी मिलेगी ।।
ऐसे ही काम करता है एक लाइफ इंश्योरेंस !!
लाइफ इंश्योरेंस के फ़ायदे (Benefit Of Life Insurance)
लाइफ इंश्योरेंस लेने के ढेर सारे फ़ायदे है आइए जानते है लाइफ इंश्योरेंस से होने वाले फ़ायदे
1. फाइनेंशियल सुरक्षा:
लाइफ इंश्योरेंस आपके परिवार को फाइनेंशियल सुरक्षा प्रदान करता है, अगर आपके साथ कुछ बुरा होता है।या आपकी डेथ हो जती है।
2. डेथ बेनेफिट
अगर आपकी मृत्यु होती है, तो लाइफ इंश्योरेंस कंपनी आपके नॉमिनी को सम एश्योर्ड देगी।
3. इन्वेस्टमेंट
लाइफ इंश्योरेंस में इन्वेस्टमेंट का ऑप्शन भी होता है, जिससे आपके पैसे ग्रो होते हैं।
4. टैक्स बेनेफिट्स
लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स डेडक्शन मिलता है।
5. लोन सुविधा:
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के खिलाफ लोन लिया जा सकता है।
6. रिटायरमेंट प्लानिंग:
लाइफ इंश्योरेंस पेंशन प्लान्स में रिटायरमेंट के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग की जा सकती है।
7. रिस्क कवर
लाइफ इंश्योरेंस में रिस्क कवर होता है, जिससे आपके परिवार को फाइनेंशियल रिस्क से बचाया जा सकता है।
8. इमरजेंसी फंड
लाइफ इंश्योरेंस में इमरजेंसी फंड का ऑप्शन होता है।जिससे आप पार्शियल विथड्रॉ कर सकते है ।
9. मेडिकल एक्सपेंसेस
लाइफ इंश्योरेंस में मेडिकल एक्सपेंसेस का कवर होता है।
लाइफ इंश्योरेंस के टाइप्स ? Types of life insurance
० टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term life insurance)
1.कवरेज (coverage)
टर्म लाइफ इंश्योरेंस एक स्पेसिफिक (specific) टाइम के लिए कवरेज प्रोवाइड करता है जैसे 10,20,30 साल । अगर आपकी डेथ इस टाइम के दौरान हो जाती है , तो आपके परिवार को फाइनेंसियल हेल्प प्रोवाइड की जाती है इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा।आपके परिवार को पालिसी के मुताबिक़ पैसे दिये जाते है ।।
2.premium amount (Premium Amount)
टर्म लाइफ इंश्योरेंस में प्रीमियम अमाउंट कम होता है । प्रीमियम आपको पालिसी के टर्म्स की अकॉर्डिंग भरना होता है ।। प्रीमियम आपको हर महीने या साल में भरने वाला अमाउंट होता है ।
3.सम अश्योर्ड (Sum assured)
टर्म लाइफ इंश्योरेंस में आपके परिवार को सम अश्योर्ड (sum assured) मिलता है ।टर्म लाइफ इंश्योरेंस में सम अश्योर्ड 5-10 लाख का होता है ।। जिससे आपके परिवार को फाइनेंसियल सिक्योरिटी मिलती है ।
० होल लाइफ इंश्योरेंस (whole life insurance)
1. लाइफटाइम कवरेज (life time coverage )
होल लाइफ इंश्योरेंस आपको लाइफटाइम कवरेज प्रदान करता है।आपकी मृत्यु तक पॉलिसी चलती है।इसमें कोई टर्म लिमिट नहीं होता।आपके परिवार को लाइफटाइम फाइनेंशियल सिक्योरिटी मिलती है।यह पॉलिसी आपकी मृत्यु के बाद भी चलती है।
2. फिक्स्ड प्रीमियम (fixed premium)
आपको फिक्स्ड प्रीमियम भरना होता है।प्रीमियम का अमाउंट पॉलिसी खरीदने के समय तय होता है।आपको हर महीने या साल का प्रीमियम भरना होता है।आपके बजट के हिसाब से प्रीमियम तय होता है।
3. सम एश्योर्ड (sum assured)
आपके परिवार को सम एश्योर्ड मिलता है।सम एश्योर्ड का अमाउंट पॉलिसी खरीदने के समय तय होता है।यह अमाउंट आपकी मृत्यु के बाद परिवार को मिलता है।सम एश्योर्ड का अमाउंट फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिए होता है।यह अमाउंट परिवार के लिए फाइनेंशियल सहायता करता है।
4. कैश वैल्यू (Cash value )
होल लाइफ इंश्योरेंस में कैश वैल्यू भी होता है।
कैश वैल्यू बढ़ता है और आपके परिवार के लिए फाइनेंशियल सिक्योरिटी होता है।आप कैश वैल्यू को विदड्रॉ कर सकते हैं।
कैश वैल्यू का अमाउंट पॉलिसी डॉक्यूमेंट में मेंशन होता है।
5. डिविडेंड (Dividend)
कुछ होल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज में डिविडेंड भी मिलता है।
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डिविडेंड का अमाउंट पॉलिसी के प्रॉफिट से रिलेटेड होता है।
आपको डिविडेंड का अमाउंट मिलता है।डिविडेंड का अमाउंट फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिए होता है।
० Endowment plan/policy
1. फिक्स्ड प्रीमियम पेमेंट्स (Fixed Premium Payments)
– आपको फिक्स्ड प्रीमियम भरना होता है, जो कि पॉलिसी खरीदने के समय तय होता है।
– प्रीमियम का अमाउंट हर महीने या साल का भरना होता है।
– आपके बजट के हिसाब से प्रीमियम पेमेंट टर्म्स चुन सकते हैं।
– फिक्स्ड प्रीमियम पेमेंट्स आपके फाइनेंशियल प्लानिंग में मदद करते हैं।
2. गारंटीड डेथ बेनिफिट (guranteed death benefit)
आपकी मृत्यु के बाद, परिवार को सम एश्योर्ड मिलता है।यह अमाउंट फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिए होता है, ताकि परिवार के लिए फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स न हों।डेथ बेनिफिट का अमाउंट पॉलिसी डॉक्यूमेंट में मेंशन होता है।
गारंटीड डेथ बेनिफिट आपके परिवार के लिए सिक्योरिटी प्रदान करता है।
3. मैच्योरिटी बेनिफिट (maturity benefit)
पॉलिसी का टर्म पूरा होने पर, आपको मैच्योरिटी बेनिफिट मिलता है।यह अमाउंट आपके सेविंग्स के रूप में होता है।
मैच्योरिटी बेनिफिट का अमाउंट पॉलिसी डॉक्यूमेंट में मेंशन होता है।आप मैच्योरिटी बेनिफिट का अमाउंट अपने फाइनेंशियल गोल्स के लिए यूज कर सकते हैं।
4. बोनस और लॉयल्टी एडिशन्स (bonus and loyalty addition)
कुछ एंडोमेंट प्लान्स में बोनस और लॉयल्टी एडिशन्स मिलता है।यह अमाउंट पॉलिसी के प्रॉफिट से रिलेटेड होता है।
बोनस और लॉयल्टी एडिशन्स का अमाउंट पॉलिसी डॉक्यूमेंट में मेंशन होता है।बोनस और लॉयल्टी एडिशन्स आपके रिटर्न्स को बढ़ाते हैं।
5. फ्लेक्सिबिलिटी इन प्रीमियम पेमेंट टर्म्स (flexibility in premium payments terms)
आप प्रीमियम पेमेंट टर्म्स चुन सकते हैं।आप एनुअल, सेमी-एनुअल, क्वार्टरली, या मंथली प्रीमियम भरते हैं।
फ्लेक्सिबिलिटी इन प्रीमियम पेमेंट टर्म्स आपके बजट के हिसाब से होता है।आप अपने फाइनेंशियल प्लानिंग के हिसाब से प्रीमियम पेमेंट टर्म्स चुन सकते हैं।
6. सेविंग्स कंपोनेंट (saving component)
एंडोमेंट प्लान में सेविंग्स कंपोनेंट भी होता है।यह अमाउंट आपके लॉन्ग-टर्म गोल्स के लिए होता है।
सेविंग्स कंपोनेंट का अमाउंट पॉलिसी डॉक्यूमेंट में मेंशन होता है।
7.टैक्स बेनिफिट्स (tax benefits)
एंडोमेंट प्लान में टैक्स बेनिफिट्स भी मिलते हैं।प्रीमियम पर टैक्स डेडक्शन मिलता है।मैच्योरिटी बेनिफिट पर टैक्स-फ्री होता है।टैक्स बेनेफ़िट्स आपके टैक्स लायबिलिटी को कम करता है
० Unit link insurance policy ( ULIP)
यूनिट लिंक इंश्योरेंस पॉलिसी (ULIP) एक तरह का लाइफ इंश्योरेंस प्लान है जो आपको इंश्योरेंस कवरेज और इन्वेस्टमेंट दोनों प्रदान करता है। इसमें आपका प्रीमियम दो हिस्सों में डिवाइड होता है। साथ ही इस आर्टिकल में आपको एक डिटेल वीडियो भी दी गई है उससे आप देखकर ULIP के बारे में और जानकारी ले सकते है।
1. इंश्योरेंस कंपोनेंट (insurance component)
आपकी मृत्यु के बाद परिवार को फाइनेंशियल सपोर्ट मिलता है । इंश्योरेंस कंपनी आपके परिवार को इंश्योरेंस अमाउंट देती है ।
2. इन्वेस्टमेंट कंपोनेंट (investament component)
आपके पैसे को विभिन्न इन्वेस्टमेंट फंड्स में इन्वेस्ट किया जाता है और पालिसी टर्म के अकॉर्डिंग इससे आने वाला रिटर्न भी पालिसी होल्डर को मिलता है ।
ULIP के मुख्य फीचर्स हैं:
1. फ्लेक्सिबिलिटी (flexibility)
आप अपने इन्वेस्टमेंट फंड्स को चेंज कर सकते हैं।
2. ट्रांसपेरेंसी (transparency)
इस पालिसी में आप जो प्रीमियम भरते है इन्शुरन्स कंपनी उनको अलग अलग जगह इन्वेस्ट करती है जैसे की शेयर्स , बाँड्स आदि जिसका डेटा आपको भी प्रोवाइड किया जाता है कि आपका पैसा कहा इन्वेस्ट हो रहा है ।
3. लिक्विडिटी (liquidity)
आप अपने इन्वेस्टमेंट से पार्शियल विद्ड्रॉअल कर सकते हैं। ये पालिसी इमरजेंसी के टाइम पर बहुत बेनिफिट देती है क्यूकी आप कुछ अमाउंट विथड्रॉ भी कर सकते है पालिसी टर्म के अकॉर्डिंग ।
इसमें आपको टैक्स बेनेफ़िट्स भी मिलते है ।
० Money Back policy :
मनी बैक पॉलिसी एक तरह का लाइफ इंश्योरेंस प्लान है जो आपको पीरियाडिक पेमेंट और सर्वाइवल बेनेफ़िट्स प्रोवाइड करता है ।
यह एक ऐसा इंश्योरेंस प्लान है जो आपको दो तरह के फायदे प्रदान करता है
1. पीरियाडिक पेमेंट (Periodic Payments):
यह पॉलिसी आपको नियमित अंतराल पर पेमेंट्स प्रदान करती है, जैसे कि हर 5 साल में एक निश्चित राशि।यह पॉलिसी के टर्म एंड conditions पर डिपेंड करता है कि आपको एक फिक्स इंटरवल पर कितना अमाउंट मिलेगा ।
2. सर्वाइवल बेनेफ़िट्स (Survival Benefits):
यह पॉलिसी आपको अपने जीवनकाल में ही एक निश्चित राशि प्रदान करती है, जो आपके सर्वाइवल पर आधारित होती है ।
इस उदाहरण से आप आसानी से समझ सकते है
यदि आपने 10 लाख रुपये की मनी बैक पॉलिसी ली है, तो:
• हर 5 साल में आपको 2 लाख रुपये का पीरियाडिक पेमेंट मिलेगा।
• आपके जीवनकाल में आपको कुल 6 लाख रुपये का सर्वाइवल बेनेफिट मिलेगा।
पॉलिसी में हर 5 साल में 2 लाख रुपये मिलते हैं। यह प्रक्रिया 3 बार होती है, इसलिए कुल 6 लाख रुपये मिलते हैं। लेकिन, यह राशि पॉलिसी की शर्तों पर निर्भर करती है।”यह कम भी हो सकती है और जायदा भी ।
• आपकी मृत्यु के बाद आपके परिवार को 10 लाख रुपये का डेथ बेनेफिट मिलेगा।
Key features of money back policy
* गारंटीड रिटर्न्स: (guaranteed returns)
·पॉलिसी में गारंटीड रिटर्न्स मिलते हैं।·रिटर्न्स का रेट पॉलिसी डॉक्यूमेंट में मेंशन होता है।
·गारंटीड रिटर्न्स में रिस्क नहीं होता।
*पीरियडिक पेआउट्स: (periodic payments)
·पॉलिसी टर्म के दौरान, आपको पीरियडिक पेमेंट्स मिलते हैं।·पेमेंट फ्रीक्वेंसी और अमाउंट पॉलिसी डॉक्यूमेंट में मेंशन होता है।
·पीरियडिक पेआउट्स में मंथली, क्वार्टरली, या एनुअल ऑप्शन्स होते हैं
* सर्वाइवल बेनिफिट: (survival benefit)
·आपकी सर्वाइवल के बाद, आपको रिमैनिंग अमाउंट मिलता है।·सर्वाइवल बेनिफिट का अमाउंट पॉलिसी डॉक्यूमेंट में मेंशन होता है।·सर्वाइवल बेनिफिट में टैक्स-फ्री होता है।
*डेथ बेनिफिट: (death benefit)
·आपकी मृत्यु के बाद, परिवार को सम अस्योर्ड मिलता है।·डेथ बेनिफिट का अमाउंट पॉलिसी डॉक्यूमेंट में मेंशन होता है।·डेथ बेनिफिट में टैक्स-फ्री होता है।
* टैक्स बेनिफिट्स: ( tax benefits)
·प्रीमियम पर टैक्स डेडक्शन मिलता है।·मैच्योरिटी बेनिफिट पर टैक्स-फ्री होता है।
·टैक्स बेनिफिट्स इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के हिसाब से होते हैं।
*फ्लेक्सिबिलिटी: (flexibility)
·पॉलिसी टर्म और प्रीमियम को बदल सकते हैं।
·पेआउट फ्रीक्वेंसी और अमाउंट को बदल सकते हैं।
*मैच्योरिटी बेनिफिट: (maturity benefit)
·पॉलिसी टर्म के पूरे होने पर, आपको मैच्योरिटी बेनिफिट मिलता है।·मैच्योरिटी बेनिफिट का अमाउंट पॉलिसी डॉक्यूमेंट में मेंशन होता है।·मैच्योरिटी बेनिफिट में टैक्स-फ्री होता है।
*सरेंडर वैल्यू: (surrender value)
·पॉलिसी को सरेंडर करने पर, आपको सरेंडर वैल्यू मिलता है।·सरेंडर वैल्यू का अमाउंट पॉलिसी डॉक्यूमेंट में मेंशन होता है।·सरेंडर वैल्यू में टैक्स इम्प्लिकेशन्स होते हैं।
*लोन सुविधा: (loan facility)
·पॉलिसी में लोन सुविधा होती है।·लोन अमाउंट पॉलिसी डॉक्यूमेंट में मेंशन होता है।
·लोन पर इंटरेस्ट रेट होता है।
० Annuity life insurance
एन्युइटी लाइफ इंश्योरेंस एक प्रकार का लाइफ इंश्योरेंस है जो आपको नियमित आय(income) प्रदान करता है, जब आप रिटायरमेंट में होते हैं या फिर जीवन में किसी भी चरण पर। यह इंश्योरेंस पॉलिसी आपको वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करता है ।
एन्युइटी लाइफ इंश्योरेंस के कई फायदे हैं। यह आपको रिटायरमेंट में नियमित आय प्रदान करता है, जिससे आपको वित्तीय सुरक्षा मिलती है। इसके अलावा, यह टैक्स लाभ भी प्रदान करता है और आपको जीवनभर आय की गारंटी देता है।यह बीमा आपको अपने जीवन के हर चरण में वित्तीय स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करता है। इसलिए, यदि आप रिटायरमेंट के लिए बचत करना चाहते हैं, वित्तीय सुरक्षा चाहते हैं, या नियमित आय चाहते हैं, तो एन्युइटी लाइफ इंश्योरेंस आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
कैसे काम करता है:
आप प्रीमियम का भुगतान करते हैं।कंपनी आपको नियमित एन्युइटी भुगतान करती है।भुगतान आपको लाइफटाइम या निश्चित अवधि के लिए मिलता है ।
एक अच्छा लाइफ इंश्योरेंस प्लान कैसे चूस करे ?
1. रिसर्च करे (Research karein)
अलग-अलग इंश्योरेंस कंपानाइ के प्लान्स कम्पेर करे।प्रीमियम बेनेफ़िट्स,और टर्म एंड कंडीशंस को देखे।ऑनलाइन रिव्यूज़ एंड रेटिंग्स देखे अगर आपको लगे कि यह प्लान अच्छा है तो ही उस प्लान को चूस करें ।
2. चेक क्लेम सेटलमेंट रेश्यो (check Claim settlement ratio)
कंपनी के सेटलमेंट रेश्यो चेक करें ।क्लेम सेटलमेंट रेशियो (CSR) एक इंश्योरेंस कंपनी के परफॉरमेंस का ज़रूरी मैट्रिक है। यह रेशियो बताता है कि कंपनी ने कितने क्लेम्स सेटल किए हैं और कितने क्लेम्स रिजेक्ट किए हैं।इसका डेटा आपको कंपनी की वेबसाइट पर मिल जाएगा। सीएसआर एक इंपोर्टेंट फैक्टर है जब आप इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं। यह रेश्यो आपको कंपनी के परफॉरमेंस का आईडिया देता और आपके निर्णय में मदद करता है।
3.पॉलिसी डॉक्यूमेंट पढ़ें ( Read policy document carefully )
पॉलिसी डॉक्यूमेंट पढ़ना एक ज़रूरी स्टेप है जब आप लाइफ इन्श्योरेंस ख़रीद रहे होते है । यह डॉक्यूमेंट आपको पॉलिसी के टर्म्स, कंडीशंस और बेनेफ़िट्स के बारे में जानकारी देता है।
पॉलिसी डॉक्यूमेंट में आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें पढ़नी चाहिए। सबसे पहले, पॉलिसी के उद्देश्य और स्कोप को समझें, जिसमें पॉलिसी के मुख्य उद्देश्य और कवरेज के बारे में जानकारी होती है। इसके अलावा, प्रीमियम भुगतान की शर्तें, जैसे कि प्रीमियम भुगतान की फ्रीक्वेंसी, अमाउंट, और मोड को भी पढ़ें।
आपको सम अस्योर्ड और कवरेज के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए, जिसमें आपको पता चलता है कि आपको कितना कवरेज मिल रहा है। राइडर ऑप्शन्स और बेनिफिट्स को भी पढ़ें, जो आपके पॉलिसी के साथ जुड़ी हुई हैं। एक्सक्लूजन्स और लिमिटेशन्स को भी ध्यान से पढ़ें( Exclusion & limitations) जिससे आपको पता चलता है कि कौन-से केस कवर नहीं होते।जैसे की
1. पहले से मौजूद बीमारियाँ
2. आत्महत्या
3. युद्ध या आतंकवाद
4. अपराधिक गतिविधियाँ
5. नशीले पदार्थों का सेवन
क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस को भी पढ़ें, जिससे आपको पता चलता है कि क्लेम कैसे सेटल होता है। पॉलिसी रिन्यूअल और कैंसिलेशन शर्तें को भी पढ़ें, जिससे आपको पता चलता है कि पॉलिसी को कैसे रिन्यू या कैंसिल करना है। अंत में, कंपनी के कॉन्टैक्ट डिटेल्स को भी पढ़ें, जिससे आपको कोई भी क्वेरी या प्रॉब्लम होने पर कंपनी से संपर्क करना आसान हो।
इन सभी बातों को पढ़कर आप अपनी पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपने डिसीजन्स को इन्फॉर्म्ड बना सकते हैं।
4. राइडर ऑप्शंस और बेनेफ़िट्स चेक करें (check Rider Options and Benefits)
राइडर ऑप्शंस और बेनफ़िट्स एक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की साथ जुड़ी हुई एडिशनल फीचर है को पॉलिसहोल्डर को एक्स्ट्रा प्रोटेक्शन और बेनेफ़िट्स प्रोवाइड करता है ।यह ऑप्शन पॉलिसी के बेसिक कवरेज को बढ़ाता है।
Common Rider Options:
1. Accidental Death Benefit Rider (ADBR):
अगर पॉलिसहोल्डर की एक्सीडेंटल डेथ होती है , तो यह राइडर एडिशनल सम अश्योर्ड करता है ।
2. Critical Illness Rider (CIR):
अगर पॉलिसहोल्डर को क्रिटिकल इलनेस होती है , तो यह राइडर मेडिकल एक्सपेंसेस के लिये फाइनेंसियल सपोर्ट प्रोवाइड करता है
3. Disability Rider:
अगर पॉलिसी होल्डर डिसएबल हो जाता है , तो यह राइडर एक्स्ट्रा बेनेफ़िट्स देता है ।
5. एडवाइज़र से कंसल्ट करें (consult an advisor)
एक अच्छा लाइफ इंश्योरेंस चुनने के लिए आप किसी एडवाइज़र से भी सलाह ले सकते है वो आपको पूरी तरह गाइड करता है कि कौनसा प्लान आपके लिये सबसे अच्छा रहेगा ।वह आपको इंश्योरेंस पॉलिसी के सारे फ़ीचर को डिटेल में एक्सप्लेन करेगा जैसे की कवरेज के बारे में जानकारी देना, प्रीमियम कैलकुलेट करना , पेमेंट मेथड्स , रिन्युल प्रोसेस , कैंसलेश प्रोसेस , क्लेम प्रोसेस , पॉलिसी के टर्म्स एंड कंडीशंस को एक्सप्लेन करना आदि । जिससे आप एक इंफोर्मेड पॉलिसहोल्डर बन सकते है ।
लाइफ इन्शुरन्स का क्लेम कैसे मिलेगा? Life insurance claim process
लाइफ़ इंश्योरेंस क्लेम प्रॉसेस एक स्टेप बाई स्टेप प्रोसीजर है जिसमें पॉलिसी होल्डर की डैथ या डिसेबिल्टी के बाद नॉमिनी या बेनेफिसिअरी
को इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम करना पड़ता
है।आइये पहले जान लेते है की नॉमिनी या बेनेफिसिअरी होता कौन है ?
पॉलिसीहोल्डर द्वारा अप्पोइंटेड किया गया व्यक्ति जो पॉलिस्योल्डी की डेथ के बाद इंश्योरेंस क्लेम रिसीव करता है ।
नॉमिनी का नाम पॉलिसी डॉक्यूमेंट में मेंशन होता है ।नॉमिनी का रोल पॉलिसहोल्डर की डेथ के बाद क्लेम प्रोसेस को कम्पलीट करना होता है ।
क्लेम प्रोसेस के स्टेप्स :
नोटिफिकेशन (notification)
नॉमिनी या बेनेफिसिअरी को इन्शुरन्स कंपनी को नोटिफाई करना पड़ता है कि पॉलिसहोल्डर की डेथ या डिसेबिलिटी हुई है ।नोटिफिकेशन 30 दिन के अंदर देना होता है ।
क्लेम फॉर्म (claim form)
इन्श्योर्न्स कंपनी क्लेम फॉर्म प्रोवाइड करती है , जिसे नॉमिनी को फिल करके सबमिट करना होता है
डॉक्युमेंट्स : नॉमिनी को रिक्वायर्स डॉक्युमेंट्स सबमिट करने पड़ते हैं जैसे की
डेथ सर्टिफिकेट
पॉलिसी डॉक्यूमेंट
आईडी प्रूफ
एड्रेस पप्रूफ
वेरिफिकेशन (verification)
इंश्योरेंस कंपनी क्लेम की वेरिफिकेशन करती है। वेरिफिकेशन प्रोसेस में 15-30 दिन लगते है कंपनी क्लेम के डॉक्युमेंट्स को चेक करती है । पॉलिसहोल्डर की डेथ या डिसेबिलिटी को वेरीफाई करती है ।
अप्रूवल (approval)
इन्शुरन्स कंपनी क्लेम अप्रूव करती है। अप्रूवल के बाद पेआउट का प्रोसेस शुरू होता है।अप्रूवल में क्लेम अमाउंट कैलकुलेट किया जाता है उसके बाद कंपनी नॉमिनी को अप्रूवल लेटर सेंड करती है जिसमें पेआउट की डेटेल्स और मोड ऑफ़ पेमेंट मेंशन होता है ।
पेआउट (payout)
इंश्योरेंस कंपनी नॉमिनी को क्लेम अमाउंट पेआउट करती है । पेआउट लम्प सम , एन्युटी या इंस्टॉलमेंट में हो सकता है ।पेआउट के लिये नॉमिनी को बैंक अकाउंट डिटेल देनी होती है ।
Note : क्लेम प्रोसेस और रिक्वायर्ड डॉक्युमेंट्स इंश्योरेंस कंपनी के अकॉर्डिंग वेरी कर सकता है।
What happens if insurance company reject your claim ?
आइये जानते है क्लेम रिजेक्ट होने के कारण :
पॉलिसी लैप्स (policy lapse)
पॉलिसी लैप्स तब होता है जब पॉलिसहोल्डर प्रीमियम्स को टाइमली पे नहीं करता।तो आईएसएसए कारण से इंश्योरेंस कंपनी क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है । इसलिए प्रीमियम्स को टाइम पर पे करना बहुत ज़रूरी है ।
नोन-डिस्क्लोजर (Non-disclosure)
नोन डिस्क्लोजर तब होता है जब पॉलिसहोल्डर एप्लीकेशन में कुछ फैक्ट्स हाईड करता है । नोन-डिस्क्लोजर के बाद इंश्योरेंस कंपनी क्लेम रिजेक्ट कर सकती है । इसलिए एप्लीकेशन में सभी फैक्ट्स को करेक्टली प्रोवाइड करें ।
फ्राउड्यूलेंट् क्लेम (fraudulent claims)
फ्रॉड्यूलंट क्लेम तब होते हैं जान पॉलिसी होल्डर फेक क्लेम करता है । फ्रॉड्यूलंट क्लेम के बाद इंश्योरेंस कंपनी क्लेम रिजेक्ट कर सकती है । इसलिए जेन्युइन क्लेम करें ।
इनकम्प्लीट डॉक्यूमेंटेशन (incomplete documentation)
इनकम्प्लीट डॉक्यूमेंटेशन तब होता है जब पॉलिसहोल्डर रिक्वायर्ड डॉक्युमेंट्स प्रोवाइड नहीं करता।इनकम्प्लीट डॉक्यूमेंटेशन के बाद इंश्योरेंस कंपनी क्लेम रिजेक्ट कर सकती है। इसलिए रिक्वायर्ड डॉक्युमेंट्स प्रोवाइड करें।
डिलेड क्लेम सबमिशन (Delayed Claim Submission)
डेलेड क्लेम सबमिशन तब होता है जब पॉलिसी होल्डर क्लेम टाइमली नहीं करता है तब इंश्योरेंस कंपनी क्लेम रिजेक्ट कर सकती है इसलिए पॉलिसहोल्डर के डेथ या डिसबिल्टी के 30 दिन के अंदर ही क्लेम करे ।
रिजेक्शन के बाद क्या करे ?
1. रिजेक्शन रीज़न पूछें:
इन्शुरन्स कंपनी से पूछें की क्लेम रिजेक्ट क्यों हुआ।इससे आपको समझ में आएगा की कौनसे रीज़न से क्लेम रिजेक्ट हुआ।
2. अपील करें:
इन्शुरन्स कंपनी के अपील डिपार्टमेंट से संपर्क करें. अपील फॉर्म करें और रिक्वायर्ड डाक्यूमेंट्स प्रोवाइड करें।
3.रिक्वायर्ड डाक्यूमेंट्स प्रोवाइड करें:
जो डाक्यूमेंट्स काम के हैं उन्हें प्रोवाइड करें. इसमें इन्क्लुड हैं:
- पालिसी डॉक्यूमेंट
- क्लेम फॉर्म
- मेडिकल रिपोर्ट्स
- बिल्स और रिसीट्स
- आइडेंटिटी प्रूफ्
4. क्लेम प्रोसेस को दुबारा से कम्पलीट करें:
क्लेम प्रोसेस को फिर से कम्पलीट करें. इसमें इन्क्लुड हैं: क्लेम फॉर्म फिल करना रिक्वायर्ड डाक्यूमेंट्स प्रोवाइड करना क्लेम सबमिशन।
5. इन्शुरन्स ओम्बड्समैन(ombudsman)से संपर्क करें:
अगर अपील सक्सेसफुल नहीं होता तोह इन्शुरन्स ओम्बड्समैन से संपर्क करें।इन्शुरन्स ओम्बड्समैन आपकी प्रॉब्लम सोल्वे करने में मदद करेगा
6. कंस्यूमर कोर्ट जाएँ:
अगर इन्शुरन्स ओम्बड्समैन से भी सलूशन नहीं मिलता तोह कंस्यूमर कोर्ट जाएँ।कंस्यूमर कोर्ट आपकी प्रॉब्लम सोल्वे करने में मदद करेगा।
Conclusion ( निष्कर्ष)
लाइफ इंश्योरेंस एक ज़रूरी स्टेप है आपके परिवार की फाइनेंसियल सुरक्षा के लिए । यह एक इंपोर्टेंट इन्वेस्टमेंट है आपके परिवार को फ़ाइनेंशियली सिक्योर करने के लिए इसलिए अपनी फाइनेंसियल प्लानिंग में लाइफ इंश्योरेंस को भी ऐड करें और एक अच्छा लाइफ इंश्योरेंस चूस करें।।एक अच्छा लाइफ इंश्योरेंस चूस करने के लिए आपको रिसर्च करना पड़ेगा। जिससे आपको समझ हो कि क्या बेहतर है आपके लिये। अपने डिसिशन को केवल इस बात पर आधारित ना करे कि सबसे सस्ता क्या है , बल्कि यह देखें कि कोई पॉलिसी आपको क्या क्या प्रोवाइड कर रही है जैसे कवरेज , प्रीमियम्स रेट ,क्लेम सेटलमेंट रशियो,कस्टमर सर्विस, रिन्युल ऑप्शंस , राइडर्स/ऐड-औंस जैसे फ़ैक्टर्स को ध्यान में रखें यह सभी पॉइंट्स इंपोर्टेंट है एक बायर के लिये ।
इन सब बातों का समझने के बाद,आप एक इंफोर्मेड पॉलिच्डर बन सकते है। और आपने परिवार की फ़ानेनिशियल सुरक्षा को इनश्योर कर सकते है ।
FAQ
लाइफ इन्शुरन्स क्या है ?
लाइफ इन्शुरन्स एक फाइनेंसियल टूल है जो आपके परिवार को फाइनेंसियल सुरक्षा प्रदान करता है अगर आपके साथ कुछ बुरा होता है।
लाइफ इन्शुरन्स क्यों ज़रूरी है ?
लाइफ इन्शुरन्स ज़रूरी है क्यूंकि यह आपके परिवार को फाइनेंसियल सुरक्षा प्रोवाइड करता है और उन्हें आपके बिना फ़ाइनेंशियली सिक्योर रखता है ।
लाइफ इन्शुरन्स के कितने टाइप्स हैं ?
लाइफ इन्शुरन्स के टाइप्स हैं: टर्म लाइफ इन्शुरन्स,होल लाइफ इन्शुरन्स ,एंडोमेंट इन्शुरन्स,यूलिप (यूनिट लिंक्ड इन्शुरन्स प्लान)।
पालिसी कैसे चुनना है ?
पालिसी चुनने के लिए रिसर्च करना ज़रूरी है प्रीमियम रेट्स कवरेज क्लेम सेटलमेंट रेश्यो और कस्टमर सर्विस को देखें।
प्रीमियम क्या है ?
प्रीमियम वह अमाउंट है जो आपको पालिसी के लिए हर महीने या साल में देना पड़ता है.
कवरेज क्या है ?
कवरेज वह अमाउंट है जो पालिसी आपके परिवार को क्लेम के रूप में प्रोवाइड करती है ।
क्लेम कैसे करना है ?
क्लेम करने के लिए पालिसी डॉक्यूमेंट ,डेथ सर्टिफिकेट और KYC डाक्यूमेंट्स जरूरी हैं ।
क्लेम सेटलमेंट रेश्यो क्या है ?
क्लेम सेटलमेंट रेश्यो वह परसेंटेज है जो कंपनी क्लेम सेटल करता है।
लाइफ इन्शुरन्स के फायदे क्या हैं ?
लाइफ इन्शुरन्स के फायदे हैं: फाइनेंसियल सुरक्षा टैक्स बेनिफिट्स और इन्वेस्टमेंट ऊपोर्ट्यूनिटीज़ ।
लाइफ इन्शुरन्स पालिसी को कैंसिल कैसे करना है ?
पालिसी को कैंसिल करने के लिए कंपनी से संपर्क करना ज़रूरी है।