National Pension Scheme (NPS)

भारत में रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) एक ज़रूरी और लाभदायक योजना है। इस आर्टिकल में हम NPS क्या है ? NPS के फीचर्स, बेनिफिट्स, टाइप्स ऑफ NPS अकाउंट, NPS की योग्यता और भी बहुत ज़रूरी चीज़ो को समझेंगे।

रिटायरमेंट प्लानिंग एक ज़रूरी आस्पेक्ट है हमारे फाइनेंसियल प्लानिंग का। हम सब चाहते है की हमारे रिटायरमेंट इयर्स कम्फर्टेबले और सिक्योर हों। लेकिन रिटायरमेंट प्लानिंग में कई चैलेंजेज (challenges)और उनसर्टेंटीज(uncertainties)होते है जैसे की 

  • इर्रेगुलर इनकम ( irregular income)
  • इन्फ्लेशन रेट (inflation rate)
  • हेल्थ रिलेटेड प्रॉब्लम्स (Health related problems)
  • लैक ऑफ़ फाइनेंसियल सिक्योरिटी (lack of financial security)

 इसलिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक स्मार्ट रिटायरमेंट प्लानिंग ऑप्शन है जो हमे सिक्योर और कम्फर्टेबले रिटायरमेंट प्रोवाइड करने में मदद करता है।

आइये विस्तार से जानते है कि (NPS) National Pension Scheme होता क्या है ? 

Table of Contents

 NPS क्या है ? 

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक गवर्नमेंट स्कीम है जो भारत सरकार दावारा चलाई गई है।इसका उद्देश्य सिटीज़न्स को रिटायरमेंट के फाइनेंसियल सिक्योरिटी प्रदान करना है।इसमें आप अपने पैसे इन्वेस्ट कर सकते है और उन्हें सेफ और सिक्योर रख सकते है।NPS एक स्मार्ट वे है अपने रिटायरमेंट को प्लान करने का जिसमें आपके पैसे ग्रो होते है और आपको रिटायरमेंट में फाइनेंसियल सपोर्ट मिलता है।यह एक वोलंटरी स्कीम है जिसमें आप खुद डिसाइड कर सकते है कितना इन्वेस्ट करना है।आपके पैसे प्रोफेशनल फण्ड मैनेजर्स द्वारा मैनेज किये जाते है और NPS में टैक्स बेनिफिट्स भी मिलते है।आप NPS में ऑनलाइन या ऑफलाइन जॉइन कर सकते है और अपने पैसे सिक्योर और सेफ रखते सकते है।NPS एक रिलाएबल और ट्रस्टेड स्कीम है जो आपके रिटायरमेंट के लिए एक अच्छा ऑप्शन है।

 Features of NPS/ Benefits of NPS (NPS की विशेषताएँ / फ़ायदे )

1. Voluntary Retirement Savings Scheme (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति बचत योजना)

NPS में भागीदारी वोलंटरी है जिसका मतलब है कि आप ख़ुद डिसाइड कर सकते है कि आप कितना पैसा इन्वेस्ट करना चाहते है।आपके कंट्रीब्यूशन को आपके बैंक अकाउंट से ऑटो डेबिट किया जाता है। आप मिनिमम 500 ₹ से कंट्रीब्यूशन शुरू कर सकते है । 

2. Defined Contribution Pension Scheme ( निर्धारित योगदान पेंशन योजना ) 

NPS में आपके कंट्रीब्यूशन के हिसाब से पेंशन मिलता है।आपके कंट्रीब्यूशन को इन्वेस्ट किया जाता  है और रिटर्न्स मिलते है । पेंशन अमाउंट आपके कंट्रीब्यूशन,इन्वेस्टमेंट,और उमर पर निर्भर करता है।

3. Portable aur Transferable( पोर्टेबल और ट्रांसफरेबल ) 

आप NPS अकाउंट को किसी भी बैंक या फाइनेंसियल इंस्टीटूशन में ट्रांसफ़र कर सकते है । आपके जॉब या लोकेशन चेंज होने पर भी NPS अकाउंट कंटिन्यू रहता है । आप NPS अकाउंट को ऑनलाइन मैनेज कर सकते है । 

4. Low Cost aur Flexible Investment Options (कम लागत और लचीले निवेश का विकल्प) 

 NPS में निवेश करने से आपको रिटायरमेंट में फण्ड को अपने रिस्क लेने की छमता के आधार पर, अपने निवेश को निर्धारित कर सकते है। इसमें सामान्यत तीन तरीक़े के निवेश को समील किया जाता है:

1.⁠ ⁠Equity (E) – शेयर बाज़ार में निवेश 

2.⁠ ⁠Debt (D) -बॉण्ड और फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश 

3.⁠ ⁠Government Securities (G) सरकार की सिक्योरिटीज़ में निवेश 

ये तीनों ही विकल्प NPS को फ़्लैक्सिबल बना देते है। यानी की निवेशक यह चुन सकता है कि वह कहा पर अपना कितना फण्ड निवेश करेगा।

5. Tax Benefits ( टैक्स बेनेफ़िट्स) 

NPS में  निवेश का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें आपको अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग के साथ हर फाइनेंसियल ईयर में टैक्स बचाने का भी मौक़ा मिलता है। इसमें दो तरीक़े के टैक्स लाभ मिलते है जो की 2,00,000 रुपए तक जाते है।

NPS में सेक्शन 80C के तहत Rs. 1,50,000 तक टैक्स छूट आपके निवेश पर मिलती और इसके साथ ही सेक्शन 80CCD के तहत Rs. 50,000 तक एडिशनल टैक्स छूट मिलता है। 

6. Professional Fund Management ( प्रोफेशनल फण्ड मैनेजमेंट )

NPS में प्रोफेशनल फण्ड मैनेजर्स द्वारा पैसे मैनेज किए जाते है । NPS में कुल 8 फण्ड मैनेजर है। जिसको आप उनकी परफॉरमेंस के आधार पर चुन सकते है। यानी की फण्ड मैनेजर्स के एक्सपीरियंस और एक्स्पर्टीज़ से आपके पैसे सेफ और सिक्योर रहते है ।

7. Retirement Benefits (रिटायरमेंट बेनेफ़िट्स )

NPS यानी की हमे केवल रिटायरमेंट प्लानिंग करनी है। और यह अभी तक का उन तमाम बेहतर निवेश में से एक है जो रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए देखा जाता है। आइये समझते है इसके बारे में:

Pension(पेंशन):

NPS में दो तरीक़े से पेंशन मिलते है, अगर आपणी VRS के द्वारा रिटायरमेंट ली है तो उस अवस्था में आपको पेंशन मिलना शुरू हो जाएगी वरना आपको 60 साल के बाद पेंशन ही रिसीव होगी।

Lump sum withdrawal (लम्प सम विथड्रावल):

NPS खाते के परिपक्वता के बाद यानी की 60 साल बाद आप 60% तक विथड्रावल कर सकते है।और 40% पेंशन के रूप में ले सकते है। यानी की अगर आपके NPS खाते में 1,00,00,000 करोड़ रुपए पड़े है तो आप इसका 60% यानी की 60,00,000 रुपए एकमुस्त निकल सकते है और बाक़ी 40% यानी की 40,00,000 रुपए की Annuity ख़रीदनी पड़ेगी जो आपको जीवन भर पेंशन बना कर देती रहेगी।

ध्यान रखिए कि आपका रिटायरमेंट बेनेफ़िट्स आपके कंट्रीब्यूशन, इन्वेस्टमेंट रिटर्न्स, और उमर पर निर्भर करते है।

8. Partial Withdrawal

आप NPS से पार्शियल विथड्रावल कर सकते है (25% तक)। और यही NPS को और फ्लेक्सिबल बना देता है। जिससे NPS रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए एक बेहतर विकल्प बन जाता है। इसके लिए मैं आपको एक हमारे YouTube चैनल की एक वीडियो नीचे देता है इसके द्वारा आप समझ सकते है।

9. Annuity Options (एन्युटी ऑप्शंस)

NPS में हमारे पास  एन्युटी ऑप्शन भी अवेलेबल होते है। यानी की आप अपना पेंशन अपने हिसाब से ले सकते है आइए इन सभी विकल्प को समझते है:

यहाँ एनपीएस में तीन प्रकार के एन्युटी विकल्प होते है।

1.सिंगल लाइफ एन्युटी (Single Life Annuity)

NPS में सिंगल एन्युटी विकल्प आपको जीवन भर एक नियमित आय प्रदान करता है, लेकिन आपके निधन के बाद यह आय बंद हो जाती है।

यह विकल्प उन लोगों के लिए उपयुक्त है जिनके पास कोई जीवनसाथी या आश्रित नहीं है।

2.जॉइंट लाइफ एन्युटी (Joint Life Annuity)

NPS जॉइंट एन्युटी विकल्प आपको और आपके जीवनसाथी को जीवन भर एक नियमित आय प्रदान करता है।

आपको और आपके जीवनसाथी को जीवन भर एक नियमित आय मिलती है।आपके निधन के बाद आपके जीवनसाथी को आय मिलती है।यह विकल्प उन लोगों के लिए उपयुक्त है जिनके पास जीवनसाथी है।

3.डिफर्ड एन्युटी (Deferred Annuity)

डिफ़र्रेड एन्युटी विकल्प आपको एक निश्चित अवधि के बाद एक नियमित आय प्रदान करता है।

यह अवधि आमतौर पर 5-10 वर्ष होती है।

यह विकल्प उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो रिटायरमेंट के बाद कुछ वर्षों तक आय नहीं लेना चाहते हैं।

आप ख़ुद डिसाइड कर सकते है कि आप किस एन्युटी ऑप्शन में इन्वेस्ट करना चाहते है। आप किसी फाइनेंसियल एक्सपर्ट से भी सलाह ले सकते है ।

10. Online Services (ऑनलाइन सर्विस ) 

NPS में ऑनलाइन सर्विस अवेलेबल है जैसे की 

    – Online registration

       (ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन)

    – Online contribution

      (ऑनलाइन कंट्रीब्यूशन)

    – Online statement

      (ऑनलाइन स्टेटमेंट)

    – Online withdrawal

      (ऑनलाइन विथड्रावल)

आप आपने एनपीएस  खाते को ऑनलाइन मैनेज कर सकते है।यह आपको अपने खाते की जानकारी को कही से भी एक्सेस करने की सुविधा देता है।

NPS के यही फ़ीचर्स और बेनिफिट एनपीएस को एक अट्रैक्टिव एंड सिक्योर रिटायरमेंट प्लानिंग ऑप्शन बनाते है । 

Types of NPS Account  (NPS के टाइप्स ) 

NPS में आपको दो तरह के खाते खोलने की सुविधा मिल जाती है, NPS Tier 1 Account और NPS Tier 2 Account इन दोनों एकाउंट्स का अपना अलग पर्पस और फीचर्स होते हैं।

 टियर 1 अकाउंट  (Tier 1 Account )

 लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट: 

ये अकाउंट मैनली  रिटायरमेंट के लिए होता है।इसमें आपको लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट करना होता है।

टैक्स बेनिफिट्स: 

टियर 1 अकाउंट पर आपको टैक्स डिडक्शन्स मिलते हैं।आप 80C  के तहत 1.5 लाख तक का डिडक्शन ले सकते हैं।

 विथड्रावल रेस्ट्रिक्शन्स: 

इस अकाउंट से पैसे निकालने पर कुछ रेस्ट्रिक्शन्स हैं।आपको रिटायरमेंट के बाद या कुछ स्पेसिफिक कंडीशंस पर ही पैसे निकालने की परमिशन मिलती है।

मिनिमम कंट्रीब्यूशन: 

इस अकाउंट में मिनिमम कंट्रीब्यूशन की रेक्विरेमेंट होती है जो की ₹500 है और आपको हर फाइनेंसियल ईयर में कुछ अमाउंट कंट्रीब्यूट करना ज़रूरी होता है।

टियर 2 अकाउंट (Tier 2  Account)

फ्लेक्सिबल इन्वेस्टमेंट: 

ये अकाउंट ज़्यादा फ्लेक्सिबल होता है. आप इसमें कभी भी पैसे डाल सकते हैं और कभी भी निकाल सकते हैं।

नो टैक्स बेनिफिट्स: 

इस अकाउंट पर आपको कोई टैक्स बेनिफिट्स नहीं मिलते. ये सिर्फ सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट के लिए है।

 नो विथड्रावल रेस्ट्रिक्शन्स: 

इस अकाउंट से आप किसी भी समय पैसे निकाल सकते हैं बिना किसी रेस्ट्रिक्शन के।

 नो मिनिमम कंट्रीब्यूशन:

इस अकाउंट में मिनिमम कंट्रीब्यूशन की कोई ज़रूरत नहीं होती. आप अपने हिसाब से इन्वेस्ट कर सकते हैं।

इन दोनों एकाउंट्स का यूज आप अपने फाइनेंसियल गोल्स के अकॉर्डिंग कर सकते हैं।अगर आप रिटायरमेंट के लिए लॉन्ग-टर्म प्लानिंग कर रहे हैं तोह टियर 1 अकाउंट बेहतर है।अगर आपको फ्लेक्सिबिलिटी चाहिए और शार्ट-टर्म सेविंग्स करना है तोह टियर 2 अकाउंट सही रहेगा।

Eligibility Criteria for NPS  (NPS के लिए योग्यता)

एनपीएस में Account खोलने के लिए कुछ नियम बनाये गये है जिनको आप ध्यान में रखते है तो NPS Account आप भी खोल सकते है और इसका लाभ ले सकते है।

नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में निवेश करने से पहले, आपको कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी।जभी आप NPS के लिए एलिजीबल हो पाएँगे आइये जानते है।

  • (Age) उम्र : 18 से 65 साल के बीच
  • (Indian citizen) भारतीय नागरिक होना
  • (Any income group) किसी भी आय वर्ग से।

अन्य शर्तें

आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी जैसे पहचान पत्र

बैंक खाता और आईएफएससी कोड

मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी

निवेश की राशि देने की क्षमता

NPS में कौन खाता नहीं खोल सकता है? Who is not eligible ?

  • एनआरआई (NRI-Non resident of India)
  • 65 साल से अधिक उम्र
  • अवैध गतिविधियों में शामिल होना
  • अन्य पेंशन योजनाओं में शामिल सरकारी अधिकारी/कर्मचारी

ध्यान रखें कि ये शर्तें समय-समय पर बदलती रहती हैं। इसलिए एनपीएस की आधिकारिक वेबसाइट या अधिकृत एजेंट से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें।

NPS में कितना Return मिलता है? (NPS Returns)

आइये अब NPS (राष्ट्रीय पेंशन योजना) के रिटर्न्स और कैलकुलेशन के बारे जानते है 

NPS Returns:

NPS में निवेश करने पर आपको दो प्रकार के रिटर्न्स मिलते हैं:

    1. फिक्स्ड इनकम (Fixed Income)

    2. मार्केट लिंक्ड रिटर्न्स (Market Linked Returns)

NPS (राष्ट्रीय पेंशन योजना) में दो प्रकार के निवेश विकल्प हैं:

1. फिक्स्ड इनकम (Fixed Income)

फिक्स्ड इनकम निवेश विकल्प में आपका निवेश सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) और डेब्ट सेक्योरिटीज (Debt Securities) में किया जाता है। इस विकल्प में आपको निश्चित रिटर्न मिलता है, जो आमतौर पर 7-9% के बीच होता है।

2. मार्केट लिंक्ड रिटर्न्स (Market Linked Returns)

मार्केट लिंक्ड रिटर्न्स निवेश विकल्प में आपका निवेश शेयर बाजार (Equity) में किया जाता है। इस विकल्प में आपको रिटर्न्स मार्केट के प्रदर्शन पर निर्भर करते हैं, जो आमतौर पर अधिक हो सकते हैं लेकिन रिस्क भी अधिक होता है।

इसके साथ ही NPS में तीन प्रकार के निवेश विकल्प हैं:

1. NPS एक्टिव चॉइस (Active Choice)

आपको अपने निवेश का 50% तक इक्विटी में और शेष डेब्ट में निवेश करने का विकल्प होता है।

2. NPS ऑटो चॉइस (Auto Choice)

आपका निवेश आपकी आयु के आधार पर ऑटोमैटिक रूप से इक्विटी और डेब्ट में विभाजित किया जाता है।

3. NPS एग्जीक्यूटिव चॉइस (Executive Choice)

आपको अपने निवेश का 100% तक इक्विटी में निवेश करने का विकल्प होता है।

NPS Calculation:

– NPS में निवेश करने पर आपका पैसा दो भागों में बंट जाता है:

    1. टियर-1 अकाउंट (Tier-1 Account)

    2. टियर-2 अकाउंट (Tier-2 Account)

– टियर-1 अकाउंट: इसमें आपका पैसा रिटायरमेंट के लिए निवेश किया जाता है।

– टियर-2 अकाउंट: इसमें आपका पैसा बचत के लिए निवेश किया जाता है।

NPS रिटर्न्स कैलकुलेटर:

– NPS रिटर्न्स कैलकुलेटर का उपयोग करके आप अपने निवेश के रिटर्न्स की गणना कर सकते हैं।

– कैलकुलेटर में आपको अपना निवेश, रिटर्न रेट, और समय अवधि दर्ज करनी होती है।

– इसके बाद कैलकुलेटर आपको अपने निवेश के रिटर्न्स की गणना करके बताता है।

उदाहरण:

– मान लें कि आप 1000 रुपये प्रति माह NPS में निवेश करते हैं।

– आपका निवेश 20 साल के लिए है।

– रिटर्न रेट 8% है।

– इस मामले में, आपका कुल निवेश 2,40,000 रुपये होगा।

– और आपको लगभग 6,38,000 रुपये का रिटर्न मिलेगा।

NPS के औसत रिटर्न्स 8-12% प्रति वर्ष होते हैं।⁠यह रिटर्न्स आपके फण्ड मैनेजर के चुनाव और उसमे समील निवेशो से होता है ।

यह ध्यान रखें कि NPS के रिटर्न्स और कैलकुलेशन में बदलाव हो सकता है, इसलिए निवेश करने से पहले आधिकारिक वेबसाइट या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।

How to invest in NPS ( NPS में कैसे निवेश करे ?)

यहाँ पर कुछ स्टेप डाई गये जिनको फॉलो कर के आप एनपीएस अकाउंट ओपन कर सकते है ।

ऑनलाइन निवेश / online investment 

  • NPS की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। Link यहाँ आपको एनपीएस की वेबसाइट पर जाना होगा और ऑनलाइन निवेश विकल्प चुनना होगा।
  • Registration पर क्लिक करें और अपने पर्सनल इनफार्मेशन भरे ।यहाँ आपको अपने नाम, पते, जन्म तिथि, आदि जानकारी भरनी होगी।
  • NPS अकाउंट चूस करे 

NPS में दो प्रकार के अकाउंट होते है -Tier 1 and Tier 2 

Tier 1 कंप्यूल्सरी अकाउंट होता है और Tier 2 ऑप्शनल होता है।

  • अपने बैंक खाते की जानकारी भरें।

यहाँ आपको अपने बैंक खाते की जानकारी भरनी होगी, जिससे आपका निवेश पैसा कट सके।

  • निवेश विकल्प चुनें (इक्विटी, डेट, या अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड्स)।

यहाँ आपको अपने निवेश के लिए विकल्प चुनना होगा, जैसे कि इक्विटी, डेट, आदि।

NPS में पैसा कहा निवेश किया जाता है?

NPS में निवेशकों का पैसा तीन तरह के इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में किए जाते है और यही इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट निवेशक अपने रिस्क के आधार पर ज़्यादा या कम करते है। जैसे की अगर आपको कम रिस्क चाहिए तो आपका ज़्यादा इन्वेस्टमेंट डेब्ट या सरकारी सिक्योरिटी में होनी चाहिए। वही पर अगर आपको रिस्क ज़्यादा लेकर अच्छे रिटर्न बनाने है तो इक्विटी में अपना निवेश का ज़्यादा हिस्सा डालना पड़ता है। आइये इन तीनों निवेशों को समझे।

इक्विटी (E) – शेयर बाजार में निवेश।

यहाँ आपका पैसा शेयर बाजार में निवेश होगा, जिसमें जोखिम अधिक होता है। इक्विटी में निवेश करने से आपको उच्च रिटर्न्स मिलते हैं।

डेट (D) – बॉन्ड और डिबेंचर में निवेश।

यहाँ आपका पैसा बॉन्ड और डिबेंचर में निवेश होगा, जिसमें रिस्क  कम होता है।डेब्ट में निवेश करने से आपको स्थिर रिटर्न्स मिलते हैं।

सरकारी सेक्योरिटीज निवेश (G) – सरकारी सेक्योरिटीज में निवेश करने से आपको सुरक्षित रिटर्न्स मिलते हैं।

अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड्स (A) – रियल एस्टेट, इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि में निवेश।

यहाँ आपका पैसा रियल एस्टेट, इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि में निवेश होगा, जिसमें रिस्क मध्यम होता है।

ऑटो चयन –

यह एक नया फीचर ऐड हुआ है NPS में । इस फीचर में NPS  आपके लिए निवेश विकल्प चुनेगा।जो कि आपके उम्र और रिस्क  क्षमता के अनुसार होगा ।। 

  • निवेश राशि भरें।

यहाँ आपको अपने निवेश की राशि भरनी होगी, जो कि न्यूनतम(minimium) ₹500 होनी चाहिए।

  • ऑनलाइन भुगतान करें।

यहाँ आपको अपने निवेश के लिए ऑनलाइन भुगतान करना होगा।

  • आपको PRAN (perrmanent Retirement Account Number) मिलेगा।

यहाँ आपको अपना पीआरएएन नंबर मिलेगा, जिससे आप अपने निवेश की जानकारी देख सकते हैं।

ऑफलाइन निवेश / offline investment 

  • अपने निकटतम Point of Presence (POP) पर जाएं।

यहाँ आपको अपने निकटतम पीओपी पर जाना होगा और एनपीएस आवेदन पत्र भरना होगा।

  • एनपीएस आवेदन पत्र भरें।

यहाँ आपको अपने नाम, पते, जन्म तिथि, आदि जानकारी भरनी होगी।

  • NPS अकाउंट चूस करे 

यहाँ आपको NPS अकाउंट चूस करना होता है जो की टियर 1 और टियर 2 होता है ।टियर 1 कंप्यूल्सरी होता है और टियर 2 ऑप्शनल ।

  • अपने पर्सनल इनफार्मेशन और बैंक खाते की जानकारी भरें।

यहाँ आपको अपने पर्सनल इनफार्मेशन  और बैंक खाते की जानकारी भरनी होगी।

  • निवेश विकल्प चुनें।

यहाँ आपको अपने निवेश के लिए विकल्प चुनना होगा, जैसे कि इक्विटी, डेट, आदि।

आइये जान लेते है कि इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस होते क्या है 

  • निवेश राशि जमा करें।

यहाँ आपको अपने निवेश की राशि जमा करनी होगी, जो कि न्यूनतम ₹500 होनी चाहिए।

7.आपको PRAN (permanent Retirement Account Number)मिलेगा।

यहाँ आपको अपना पीआरएएन नंबर मिलेगा, जिससे आप अपने निवेश की जानकारी देख सकते हैं।

इंपोर्टेंट डॉक्युमेंट्स / Important documents

NPS अकाउंट खोलते समय आपको कुछ ज़रूरी डॉक्यूमेट्स प्रोवाइड करने पड़ते है जिनकी लिस्ट नीचे दी गई है।

  • Id proof / पहचान पत्र 
  • Address proof / पता प्रमाण
  • Bank account details / बैंक खाता विवरण 
  • Photograph / फोटो 

 Conclusion (निष्कर्ष)

राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) एक अच्छा विकल्प है उन लोगों के लिए जो रिटायरमेंट के लिए पैसे जमा करना चाहते हैं। यह योजना न केवल रिटायरमेंट के लिए पैसे जमा करने में मदद करती है, बल्कि टैक्स लाभ और निवेश की सुरक्षा भी प्रदान करती है। इसलिए, यदि आप रिटायरमेंट के लिए पैसे जमा करना चाहते हैं, तो NPS एक अच्छा विकल्प हो सकता है।NPS एक स्ट्रक्चर्ड रिटायरमेंट सेविंग्स स्कीम है जो इंडियन सिटीजन्स को अपने फाइनेंसियल फ्यूचर को सिक्योर करने का मौका देता है।इस स्कीम का मेन ऑब्जेक्टिव लॉन्ग-टर्म रिटायरमेंट प्लानिंग है जिससे लोग अपने करियर के दौरान रेगुलर कंट्रिब्यूशंस करके अपने रिटायरमेंट पीरियड को ईजी बना सकते है ।NPS की खासियत यह है की इसमें इन्वेस्टर्स को अपने इन्वेस्टमेंट को डायवर्सिफ़ाई  करने का मौका मिलता है क्यूंकि यह इक्विटीज गवर्नमेंट सिक्योरिटीज और कॉर्पोरेट बांड्स जैसे अलग-अलग एसेट क्लासेज में इन्वेस्ट करने की सुविधा देता है।इससे रिस्क को मैनेज करना आसान होता है और इन्वेस्टर्स अपने रिस्क एपेटाइट के हिसाब से अपना पोर्टफोलियो टेलर कर सकते हैं।अंत में NPS को एक रिलाएबल एप्रोच के रूप में देखा जा सकता है जो लोगों को फाइनेंसियल इंडिपेंडेंस और स्टेबिलिटी प्रदान करता है जब उनका रिटायरमेंट का समय आता है. इस स्कीम का यूज करके लोग अपने फ्यूचर को सिक्योर कर सकते हैं जो उन्हें पीस ऑफ़ माइंड  और फाइनेंसियल सिक्योरिटी देगा।इस तरह एनपीएस एक स्ट्रांग टूल है जो आज के समय में हर व्यक्ति को अपने रिटायरमेंट प्लानिंग में ज़रूर कंसीडर करना चाहिए।

FAQs

NPS क्या है?

⁠NPS राष्ट्रीय पेंशन योजना है, जो सरकार द्वारा शुरू की गई है।इसका उद्देश्य लोगो को रिटायरमेंट के बाद एक नियमित आय प्रदान करना है।

⁠NPS के लाभ क्या हैं?

⁠रिटायरमेंट के लिए पैसे, टैक्स लाभ, निवेश की सुरक्षा, मार्केट लिंक्ड रिटर्न्स।

⁠NPS में निवेश कैसे करें?

⁠ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करें, इसके लिए आपको NPS खाता खोलना होगा ,आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होंगे , फिर नियमित रूप से निवेश राशि जमा करनी होगी ।

⁠NPS में निवेश की न्यूनतम सीमा क्या है?

NPS मिनिमम इन्वेस्टमेंट ⁠500 रुपये है।

⁠NPS में निवेश की अधिकतम सीमा क्या है?

 NPS में मैक्सिमम इन्वेसेटमेंट ⁠कोई सीमा नहीं है।

⁠NPS में निवेश अवधि क्या है?

NPS में निवेश की अवधि ⁠कम से कम 10 साल है।

⁠NPS में टैक्स लाभ क्या है?

⁠80C और 80CCD(1B) के तहत टैक्स लाभ मिलता है।

⁠NPS में टैक्स लाभ कितना है?

1.5 लाख रुपये तक।

⁠NPS अकाउंट के प्रकार क्या हैं?

⁠टियर-1 और टियर-2 अकाउंट।

⁠ ⁠NPS में भुगतान कैसे करें?

⁠ऑनलाइन या ऑफलाइन भुगतान करें।

⁠NPS में भुगतान की अवधि क्या है?

⁠मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक।

 ⁠NPS के रिटर्न्स क्या हैं?

 ⁠8-12% प्रति वर्ष।

⁠NPS के लिए आवश्यक दस्तावेज़ क्या हैं?

 ⁠पहचान पत्र, पता प्रमाण, पैन कार्ड

क्या NPS से पैसे निकल सकते है ? 

हाँ, आप NPS से पैसे निकाल सकते है लेकिन कुछ शर्तों के साथ।रिटायरमेंट पर आप अपनी इन्वेस्टमेंट का 60%पैसे  एक साथ निकाल सकते है और बाक़ी का 40% पेंशन के रूप में प्राप्त कर सकते है । 

क्या NPS में निवेश सुरक्षित है?

⁠हाँ, NPS में निवेश सुरक्षित है।

NPS के लिए कौन पात्र है ?

भारत का कोई भी नागरिक जो 18-65 वर्ष के बीच है NPS के लिए पात्र है ।

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