IPO की लिस्टिंग को देख कर इंवेस्टर यही चाहता है कि वो उस कंपनी में काश पहले ही निवेश कर पाता। पर अब परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। इस आर्टिकल की मदद से आप जान पाएगे की आप किसी भी कंपनी का IPO आने से पहले कैसे उसमे निवेश करे? और Pre-IPO में निवेश करने में रिस्क क्या है? यानी की आप इस आर्टिकल में Pre-IPO के बारे में सबकुछ समझ जान पायेगे।
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क्या होता है IPO?
IPO यानी की Initial Public Offering जिसके द्वारा कोई भी कंपनी अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचती है। इसको अगर ऐसे समझे की: अगर कोई A कंपनी को ग्रो करने के लिए कुछ पैसों की ज़रूरत है। तो उस कंपनी के पास यह विकल्प होता है कि अपनी कंपनी की कुछ हिस्सेदारी वो बीच दे। यह हिस्सेदारी वो IPO के रूप में बेचती है या किसी से डायरेक्ट डील करती है। जब भी कंपनी अपनी हिस्सेदारी बेचती है जिसमें छोटे छोटे इंवेस्टर इन्वॉल्व हो सके फिर IPO के लिए आवेदन डालती है। यह आवेदन SEBI के पास जाता है और वह इसकी पूरी जाँच परख करके IPO के लिए अप्रूवल देती है।
कोई भी कंपनी अपना IPO इसलिए भी लाना चाहती क्योकि उसको प्रमोटर्स या जिनके साथ डील करना होता है। वह पार्टी सही ऑफरिंग नहीं देती है। यानी की नेगोसिएशन ज़्यादा होता है। और IPO में कंपनी अपना एक प्राइस बंद डिसाइड करती है और SEBI के पास बेझती है। अगर SEBI को कंपनी की वैल्यूएशन सही लगती है तो वह IPO अप्रूव करती है और रिटेल निवेशकों के लिए आईपीओ खुल जाता है। और वह कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाती है, यानी की एक्सचेंज NSE और BSE पर लिस्ट हो जाती है।
आप सभी को पता है कि IPO ने किस तरह से लोगो को पैसा बना कर दिया है। अभी तक इस फाइनेंसियल ईयर 2024-25 में 121 IPO आ चुके है। और NSE के अकड़ो से यह पता चलता है कि लगभग 107 IPO ने निवेशकों को खूब पैसा बना कर दिया है। आपमें से ऐसे बहुत से लोग जिनको IPO नहीं मिला होगा पर आपने लिस्टिंग गईं ज़रूर देखी होगी।
IPO जब भी खुलता है, और कंपनी भी अच्छी हो तो उसके IPO में अप्लाई करने की होड़ सी मच जाती है। और इस वजह से लोगो को IPO एलोट नहीं हो पाता है। और आपके मन में यह सवाल ज़रूर आता है कि किसी इस कंपनी में कैसे पहले ही निवेश कर दिया जाये? जिससे हमे IPO मिलेगा की नहीं इसकी चिंता ही ना हो। तो ऐसा आप कर सकते है Pre-IPO की मदद से। आप किसी भी कंपनी के IPO आने से पहले उस कंपनी में निवेश कर सकते है। आइये समझते है विस्तार में:
Pre-IPO क्या होता है?
Pre-IPO में अगर आप निवेश करना चाहते है तो आपको Unlisted Company के बारे में भी समझना होगा। क्योकि ये वो कंपनी होती है जो शेयर बाज़ार में लिस्ट नहीं होती है। यानी की कोई भी रेगुलेटरी अभी इनपर काम नहीं कर रही होती है। इसका मतलब है कि कंपनी पूरी तरीक़े से पारदर्शी नहीं होती है।
क्या Pre-IPO में रिटेल इंवेस्टर निवेश कर सकते है?
Pre-IPO रिटेल निवेशक निवेश नहीं कर सकते है। रिटेल यानी की छोटे इंवेस्टर, क्योकी सब खेल शेयर का है। कंपनी अपने शेयर टुकड़ों में नहीं बेचती है। वो ऐसे ही निवेशकों के पास जाती है जो उनको बड़ा पैसा दे सके एक साथ। जिसे आप Angel Investor भी कहते है। Pre – IPO में इंस्टिट्यूशनल इंवेस्टर, ऑरेग्नाइज़ेशन, वेंचर कैपिटल जैसी संस्थाये ही भाग लेती है। यानी की आप लोगो के लिये केवल IPO ही एक विकल्प है जिसके लिये आपको अपनी क़िस्मत आज़मानी पड़ेगी।
Pre – IPO में निवेश करने क्या नुक़सान है?
Pre-IPO में निवेश करने के लिए रीजर्च की ज़रूरत पड़ती है। क्योकि इसके बिना आपके पैसे डूबने के चांस ज़्यादा है।
- Pre – IPO इंटियल में इसकी सही वैल्यूएशन का पता लगा पाना मुश्किल होता है।
- Unlisted कंपनी में निवेश करने में यह डर रहता है कि कंपनी का ओनर कंपनी को बेच ना दे।
- Pre – IPO या अनलिस्टेड कंपनी में निवेश करने का मतलब यह नहीं कि उसका IPO आएगा ही। और उसको अच्छी लिस्टिंग गईं मिलेगी।
- अनलिस्टेड कंपनी में निवेश करने पर लिक्विडिटी कम होती है। यानी की आप जब चाहे तब बेचकर नहीं निकल सकते है।
- अगर कंपनी का IPO आ भी जाता है तो यह गारंटी नहीं है कि कंपनी के शेयर बड़ेगे ही।
Pre-IPO या Non-Listed कंपनी में निवेश कैसे करे?
Pre-IPO या अनलिस्टेड कंपनी में निवेश करने के लिए बहुत से विकल्प है जिनको हमने डिटेल में कवर किया है:
Brokerage Company:
कई ब्रोकरेज फर्म non-listed कंपनी में निवेश करने का मौक़ा देती है। आपको कुछ ब्रोकरेज फर्म के नाम और उनकी लिंक दी गई है। ब्रोकरेज कंपनी से अगर आप Pre-IPO के या IPO आने से पहले शेयर ख़रीदना चाहते हो तो आपको इस डील को समझना होगा।
ब्रोकरेज फर्म आलरेडी उस कंपनी के शेयर उसके कर्मचारियों से ख़रीद कर रखती है। या फिर वो ऐसे लोगो से भी बात करके रखती है जो कंपनी के शुरुवात से उसके निवेशक है। और वह आपको अवेलेबल शेयर में डील करने का मौक़ा देती है और उन्मे आप निवेश कर सकते है।
ब्रोकरेज फर्म से unlisted कंपनी में निवेश करने से पहले ये ध्यान रखिए कि वो फर्म SEBI से रजिस्टर हो।
Existing Shareholder:
एक्सिस्टिंग शेयरहोल्डर यानी की वो यानी की कंपनी के शेयर होल्डर, जो कर्मचारी हो सकते है या फिर कंपनी के शूरवात से निवेशक हो। ये लोग अपनी शेयर होल्डिंग मार्केट में लिस्ट होने से पहले ही बेचना चाहते है।
इस तरह की डील अकसर बिचौलिये से करवाई जाती है। इसमें एक दलाल होता है जो शेयर बेचने वाले और ख़रीदने वाली कि डील करवाता है। इसमें शेयर सस्ते में मिलने के चांस ज़्यादा होते है।
अगर आप किसी दलाल के माध्यम से किसी अनलिस्टेड कंपनी में निवेश कर रहे है। तो ध्यान में रखिए कि पैसों का लेंन देंन सुरक्षित माध्यम से करिए। और जिस भी दलाल से आप डील कर रहे है उसकी साख अच्छी हो। और शेयर बेचने वाले से भी आप बातचीत करते रहे।
Online Platform:
ऐसे बहुत सारे ऑनलाइन प्लेटफार्म है जो की शेयरों में निवेश कर पाना आसान बनाते है। कुछ ऑनलाइन प्लेटफार्म तो SEBI से भी अप्रूव होते है। और वह अपने प्लेटफार्म पर कंपनी के बारे में बहुत सारी इंडेप्थ डिटेल भी शेयर करते है। इसलिए यहाँ से निवेश करना और कंपनी को समझना आसान हो जाता है।
इस तरह के निवेश में कंपनी के कुछ हिस्से जो लोग सेल करना चाहते है। जैसे की किसी एम्प्लोयी को कंपनी के शेयर गिफ्ट में मिले हो या फिर इनिशियल शेयर होल्डर बेचना चाहते हो तो यह ऑनलाइन प्लेटफार्म अपने पास उन शेयरों की जानकारी रखती है।
Angle Investment प्लेटफार्म:
एंजेल इन्वेस्टमेंट प्लेटफ़्रोम कई तरीक़े के होते है। जैसे की कुछ तो आपको बल्क डील करवाती है और कुछ आपको टुकड़े शेयरों में निवेश करने का मौक़ा देती है। एंजेल इन्वेस्टमेंट प्लेटफार्म जेनरली उन स्टार्टअप या उन निजी कंपनी में निवेश का विकल्प देती है जो आगे चलकर IPO लाने वाली होती है या एक्सचेंज में लिस्ट होने वाली होती है।
यहाँ निवेश काफ़ी रिस्की होता है, क्योकि यह ज़रूरी नहीं है कि कंपनी अपना IPO लाएगी ही या मार्केट में लिस्ट होगी। इसलिए यह पर निवेश थोड़े महगे होते है। ज़रूरी है कि आप कंपनी के बारे में सही से जानकारी ले फिर निवेश करे।
Pre-IPO या unlisted कंपनी में निवेश करने से पहले किन बातो का रखे ध्यान?
Tax
अनलिस्टेड कंपनी में निवेश कर रहे है तो ध्यान रखिए कि आपको बहुत सारे टैक्स से भी गुजरना पड़ सकता है। इसलिए आप इसपर होने वाले टैक्स से जुड़ी सारी जानकारी ले। जैसे की निवेश करते समय आपको किस तरह के और कितने टैक्सेस देने होगा? साथ ही अगर आप आगल चलकर अपनी हिस्सेदारी बेचते है तो वहाँ पर किस तरह का टैक्स बनेगा?
Risk
रिस्क हमेसा से एक फैक्टर रहा है, कही भी निवेश करने का। इसलिए आपको ध्यान में यह रखना होगा कि अनलिस्टेड कंपनी में निवेश करने पर रिस्क बहुत ज़्यादा होता है। जैसे की कंपनी की इंटरनल फेर बदल, मैनेजमेंट में एकता ना होना, कंपनी में पॉलिटिक्स, ऐसी बहुत सारी चीजे है जो कंपनी को ग्रो होने से रोकती है।
आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि अगर वह कंपनी IPO लेकर नहीं आती है तो आपका Plan B क्या होना चाहिए? क्योकि यह ज़रूरी नहीं है कि आप जिस भी कंपनी में निवेश करे वो IPO लेकर आये। और अगर वह IPO लाना भी चाहती हो तो उसको SEBI की तरफ़ से अप्रूवल मिल पाये।
Price:
अनलिस्टेड कंपनी की भी वैल्यूएशन घटती या बड़ती रहती है। इसलिए अगर आप किसी अनलिस्टेड कंपनी में Pre-IPO के लिए अप्लाई करना चाहते है तो कंपनी के बारे में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर जानकारी लेते रहे। जिससे आपको कंपनी की वैल्यूएशन और शेयर की क़ीमत का अंदाज़ा लग सके।
Conclusion
अनलिस्टेड कंपनी में रिस्क तो होता है पर उन्मे वैसे ही रिवॉर्ड भी देखने को मिलते है। यानी की हमारे निवेश पर अच्छा रिटर्न मिलता है। अगर कोई रिटेल इंवेस्टर pre-IPO के लिए आवेदन या फिर अनलिस्टेड शेयर में निवेश करना चाहते है तो उसके लिए brokerage firm या फिर Online Platform वाला विकल्प देखना चाहिए उससे वह निवेश कर पाएगा।
निवेश करते समय कंपनी के प्रोडक्ट और कंपनी की बैलेंस शीट ख़ुद से या किसी फाइनेंसियल एक्सपर्ट से ज़रूर चेक करवाये। लालच में आकर किसी भी अनलिस्टेड कंपनी में निवेश करना सही नहीं है।
उम्मीद है इस आर्टिकल से आपको आपके सारे जवाब मिल गये होंगे। कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में छोड़ सकते है। हमारे यूट्यूब चैनल को ज़रूर विजिट करे जहां पर हमने और भी फाइनेंस से जुड़ी जानकारी दी है।