Best IPO में Invest करने के लिए आपको किन बातो का ध्यान रखना चाहिए? और किस तरह के IPO को अप्लाई करने से बचना चाहिए? आइये जानते है.
IPO मिलना अपने आप में ही एक अलग अनुभव है. और इसी चक्कर में लोग हर IPO के लिए अप्लाई करते है और कई बात तो ऐसा होता है कि जो आईपीओ हमें मिलता है वो IPO चलता ही नहीं है. और हमे निराशा के अलावा और कुछ हाथ नहीं लगता. इसलिए आपको सही IPO में अप्लाई करना बहुत ज़रूरी है वरना आपके हाथ निराशा ही लगेगी. तो आइए जानते है कुछ ऐसे 5 ज़रूरी चेकलिस्ट, जिसे आप किसी भी IPO में अप्लाई करते समय ध्यान में रखेगे:
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Know The Company (कंपनी के बारे में जानो)
ये बहुत ही अच्छा तरीक़ा है कि किसी भी IPO में अप्लाई करने से पहले आप कंपनी के बारे में जानकारी हो। किसी भी आईपीओ में अप्लाई करने से अच्छा है कि आप ये समझो की वो कंपनी करती क्या है? यानी की किस प्रोडक्ट और सर्वस में डील करती है? अगर आपको उस कंपनी की सर्विस या प्रोडक्ट पसंद आती है तो आप एक बार को सोच सकते हो उस कंपनी के आईपीओ में इन्वेस्ट करने के लिए।
जैसे की अगर कोई हेयर आयल बनाने वाली कंपनी है और वो मार्केट में लिस्ट होना चाहती है IPO के थ्रू तो आप उस कंपनी के प्रोडक्ट के बारे में थोड़ी रिसर्च कर सकते हो और वहाँ से आपको अंदाज़ा लग जाएगा कि ये कंपनी आगे क्या कर सकती है? ये बहुत ही आसान तरीक़ा है जिससे आप सही IPO के बारे में समझ सकते हो।
SWOT Analysis For Best IPO (Strengths, weakness, Opportunities and Threats)
ये बहुत ज़रूरी है एनालिसिस है जिसे आप कभी भी मिस ना करे। योकि अगर आप SWOT एनालिसिस नहीं करते है तो कंपनी आपके पैसों को ज़रूर डुबायेगी। आइये समझते है कि ये क्या है? और कैसे आप किसी भी कंपनी की SWOT एनालिसिस कर सकते है? इसको बहुत ही आसान तरीक़े समझते है।
वैसे तो आप किसी भी कंपनी की SWOT एनालिसिस करने के लिए आप Google बाबा का सहारा ले सकते है बस आपको गूगल बाबा के पास जाकर जिस भी कंपनी का IPO आ रहा है उस कंपनी के आईपीओ का नाम डाले और उसके आगे SWOT एनालिसिस लिखे आपको सारी जानकारी मिल जाएगी। लेकिन आप और आसान तरीक़े से करना चाहते है तो इन तरीको को अपना सकते है।
- पहले तो कंपनी के प्रोडक्ट की जानकारी निकाल लो और कंपनी की लोकल बाज़ार में क्या स्तिथि है? इससे आपको कंपनी के strength के बारे में पता कर सकते है।
- अगली चीज़ आप यह देख सकते हो कि कंपनी के प्रोडक्ट के जैसे और कितनी कंपनी है जो IPO लाने वाली कंपनी को कंपीटिशन दे सकती है? जो मदद करेगा आपको कंपनी की वीकनेस को समझने में।
- कंपनी की opportunities को समझने के लिए आप यह देख सकते हो कि कंपनी अपने प्रोडक्ट में रेनोवेशन कर रही है या वो अपने पुराने की तरीक़े से अपने प्रोडक्ट को सेल और लोगो के सामने प्रेजेंट कर रही है। साथ ही कंपनी के होने वाले एक्सपेंशन को आप ध्यान में रखिए कि अभी ये कंपनी और कितना एक्सपैंड कर सकती है। जिससे आपको मार्केट opportunities के बारे में समझ मिलेगी।
- किस भी IPO के threats को समझने के लिए आप उस कंपनी की बैलेंस शीट और कंपनी के प्रोडक्ट कंपीटिशन को समझ सकते है। और अंदाज़ा लगा सकते है कि IPO लाने वाली कंपनी आगे चलकर आपको प्रॉफिट करेगी या केवल आपके डुबायेगी? इसके लिए आप कंपनी के कंपीटिटर्स की भी एनालिसिस कर सकते है। कंपनी के कस्टमर की रिव्यू ओनाइन पड़ सकते है। कंपनी के सप्लायर की जानकारी यानी की उसके प्रोडक्ट के रॉ मटेरियल कहा से सप्लाई होते है और सप्लायर्स कंपनी के साथ लॉयल है कि नहीं। अगर कंपनी के रॉ मटेरियल को कलेक्ट करने मैं ज़्यादा पैसे लग रहे है तो वो कंपनी के लिए एक थ्रेट है। क्योकि उस कंपनी के प्रोडक्ट को कोई भी मात दे सकता है।
Promoter And Management
Promoter एंड Managment किसी भी कंपनी के लिए बहुत ज़रूरी आस्पेक्ट होते है. क्योकि ये वही लोग है जो कंपनी के बड़े बड़े फ़ैसले लेते है. इन्ही के फैसलो की वजह से कंपनी की ग्रोथ डिसाइड होती है.
Promoter एंड Management को समझने के लिए आप थोड़ी ऑनलाइन रिसर्च कर सकते है या SEBI के पास से जारी कंपनी की सारी जानकारी निकाल सकते है. अगर कंपनी में प्रमोटर के इन्वेस्टमेंट कम है या प्रमोटर अपना पैसा विथड्रॉ कर चुके है IPO में आने से पहले, तो आपको अपना निवेश इस तरह की IPO में निवेश नहीं करना चाहिए.
ये तो बात रही आपको थोड़ा रिसर्च करने पड़ेगे और लौंग टर्म के लिए ये स्टेप बहुत ही बेहतर होंगे। लेकिन क्या हो कि आप केवल Listing Gain के लिए IPO में इन्वेस्ट करना चाहते है? तो आइए इसके बारे में भी थोड़ा समझ लेते है।
Market Condition
मार्केट कंडीशन को समझना बहुत ज़रूरी है अगर आप लिस्टिंग Gain के लिए आइपीओ में इन्वेस्ट कर रहे है। मार्केट कंडीशन का क्या मतलब है?
मार्केट कंडीशन यानी की अभी बाज़ार की क्या चाल है? Generally यह देखा गया है कि मार्केट की कंडीशन किसी भी IPO के लिए उसकी lisiting पर बहुत इफ़ेक्ट डालती है। जैसे की अगर मार्केट की कंडीशन बुल्लिश है या फिर मार्केट कोई नया लो नहीं कर रहा है और अपने हाई की तरफ़ बड़ रहा है। इस कंडीशन में IPO की Lisitng पॉजिटिव ही होती है और अगर IPO अच्छा है तो वहाँ पर Listing Gain काफ़ी अच्छी मिलती है।
वही पर अगर मार्केट नये लो कर रहा है और मार्केट कंडीशन बेयरिश है तो इस कंडीशन में सही IPO भी अच्छी लिस्टिंग नहीं कर पाते है। तो आप इस टाइम में IPO ना ही apply करे तो सही है।
नीचे एक वीडियो भी लगा है जिससे आप और अछे से सारी जानकारी ले सकते है और अपने लिए सही आईपीओ चूस कीजिए: