म्यूच्यूअल फंड्स में टैक्स की पूरी जानकारी हिंदी में जानिए की आपको कैसे म्यूच्यूअल फंड्स में टैक्स भरना पड़ता है?
नमस्कार दोस्तो एक बार फिर से आप सभी का हमारे नए लेख में स्वागत है, तोह चलिए हम लोग आगे जानते है की किस तरह से हम सभी को टैक्स भरना पड़ता है अगर हम लोग म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश कर रहे है तो.
म्यूच्यूअल फंड्स में टैक्स को समझने से पहले आप लोग ये जानिए की किस तरह की म्यूच्यूअल फंड्स में आप इन्वेस्ट कर रहे है और कैसे आपसे टैक्स लिया जायेगा:
तो दोस्तों यहाँ पर आप सभी के लिए तीन तरह के म्यूच्यूअल फंड्स रखे गए है जो की निवेश की केटेगरी के अनुसार है
- इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स
- बैलेंस्ड म्यूच्यूअल फंड्स
- डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स
यह तीनो म्यूच्यूअल फंड्स के वर्गीकरण है जो आप लोगो को निवेश का मौका देते है, इनको आप लोग एक नजर में समझ ले तो आसानी होगी म्यूच्यूअल फंड्स में कर को समझने में:
- इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स
इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स निवेश की वह व्यवस्था है जिसमे आपका निवेश किया हुआ पैसा अधिकतर इक्विटी में या इससे जुडे इंस्ट्रूमेंट में किया जाता है या आपको इसको इस तरह से समझ सकते है की आपके निवेश का अधिकतर पैसा शेयर बाज़ार में निवेश किया जाता है.
- बैलेंस्ड म्यूच्यूअल फंड्स
बैलेंस्ड म्यूच्यूअल फंड्स में निवेशक का पैसा 65% इक्विटी या उससे जुडे हुए इन्स्ट्रमेंट में और बाकि का पैसा किसी सुरक्षित निवेश के विकल्प में किया जाता है, और आपको बता दे की यह जरुरी नहीं की 65 प्रतिशत ही आपके निवेश का इक्विटी में लगाया जाये यह कम भी हो सकता है
- डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स
इस तरह के म्यूच्यूअल फंड्स आपका पैसा किसी सुरक्षित निवेश के विकल्प में करते है जैसे की सरकारी बांड्स, कॉर्पोरेट के बांड्स, ट्रेज़री बिल्स, फिक्स्ड डिपाजिट इत्यादी.
अब दोस्तों म्यूच्यूअल फंड्स में टैक्स को समझने के लिए आपको एक बात और जननी होगी जोकि बहुत जरूरी है और वो है शोर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन अगर आप इन दोनों को समझ गए तो फिर आपको मुझे म्यूच्यूअल फंड्स में टैक्स को समझाने में आसानी होगी.
शोर्ट टर्म कैपिटल गेन को आप निवेश की अवधी से समझ सकते है यानी की किसी भी निवेश अगर आप उसके कम से कम समाय में जो भी अपने निवेश पर कमाई करते है उससे शोर्ट टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है. और यह समय म्यूच्यूअल फंड्स के व्रगीकरण के अनुसार अलग हो सकते है. वो में आपको आगे बताता हु.
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को भी आप निवेश की अवधी से समझ सकते है और यह वह सीमा है जो को शोर्ट टेमर कैपिटल गेन की आधिकतम अवधी को पार कर करने के बाद आती है और उस समय जब आप पैसा निकलेगी तो आपके निवेश की जितनी भी कमाई होगी वो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन मन जाता है. ध्यान रहे मैने आपसे निवेश पर कमाई की बात कही है ना की आपका निवेश किया हुआ पैसा.
अब आपको आसानी होगी हो म्यूच्यूअल फंड्स पर कर को समझने में, तो दोस्तों जैसा की मैने आपको शोर्ट टर्म कैपिटल गेन के पैराग्राफ में बताया था की कैपिटल गेन का समय अलग अलग हो सकता है तो चलिए देख लीजिए:
इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स के लिए शोर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन:
इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स में शोर्ट टर्म कैपिटल गेन 12 महीनो से कम के निवेश को मन जाता है और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 12 महीने या उससे जायदा के निवेश से कमाई को मन जाता है और इस्सी पर आपको टैक्स देना पड़ता है.
बैलेंस्ड म्यूच्यूअल फंड्स के लिए शोर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन:
बैलेंस्ड म्यूच्यूअल फंड्स के लिए शोर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स के निवेश की ही तरह माना जाता है.
डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स के लिए शोर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन:
डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स में शोर्ट टर्म कैपिटल गेन ३६ महीनो या तीन साल से कम के निवेश को माना को जाता है और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन ३६ महीने या उससे जायदा के निवेश पर कमाई हुई राशी को.
यह तो हो गई इस आर्टिकल का आधार जो की आपको समझने में मदद करेगी आसानी से म्तुअल फंड्स में टैक्सेशन को. अब आप समझिये की कैसे आप टैक्स भरते है
इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स में टैक्स
equity म्यूच्यूअल फंड्स में अगर आप किसी भी तरह का शोर्ट टर्म कैपिटल गेन करते है तो आपको 15% का टैक्स देना होता है कैपिटल गेन पर जिसमे सरचार्ज और सेस भी होता है और अगर आप लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में आते है तो आपको 10% का टैक्स देना होता है आपके कैपिटल गेन पर और ध्यान देने वाली बात ये है की आपका 1 लाख तक का कैपिटल गेन टैक्स फ्री होगा पर आपकी यह सालाना आय में जुड़ेगा और उस आपको टैक्स भरना होगा उसपर.
बैलेंस्ड म्यूच्यूअल फंड्स पर टैक्स
बैलेंस्ड म्यूच्यूअल फंड्स पर टैक्स उसी तरह से लिया जाता है जैसे की आपका इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स में लिया जाता है तो आपको कोई परेशानी हो तो कमेंट करके पुच ले.
डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स पर टैक्स
डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स में अगर आप शोर्ट टर्म कैपिटल गेन में आते है जो 36 महीनो से कम की कैपिटल गेन पर होता है तो आपको वह पर कोई टैक्स नहीं देना होगा पर धयन देने वाली ये है की जो भी कैपिटल गेन होगा वो आपको सालाना आय में गिनी जाएगी तो उस समय जब आपने पैसा निकाला है तो जिस भी टैक्स स्लैब में आयेगे उतने पर आपको टैक्स भरना होगा. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में अगर आप आते है तोह आपको अपने कैपिटल गेन पर 20% का टैक्स देना होगा.
म्यूच्यूअल फंड्स के निवेश पर इस तरह से आपसे टैक्स लिया जाता है पर अब आपको एक बात और जाननी है की और टैक्स बचत निवेशो के साथ साथ म्यूच्यूअल फंड्स में भी टैक्स बचत निवेश का विकल्प है जिसे हम सब म्यूच्यूअल फंड्स में टैक्स बचत निवेश के नाम से जानते है या इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम के नाम से जानते है. आइये इसको भी समझ लेते है:
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम:
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में अगर आप निवेश करते है तो आपको एक वित्य वर्ष में इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.50 लाख तक के निवेश पर टैक्स छुट मिलती है और बंकि निवेश पर आपको कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ता है जैसा की इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स के लिए मैने आपको उप्पर बताया है. इस टैक्स बचत योजना के बारे में और जानकारी के लिए आप हमारे YouTube चैनल को फॉलो कर के जान सकते है.
सिक्यूरिटी ट्रन्सक्तिओन टैक्स:
यह टैक्स म्यूच्यूअल फंड्स के मनजेर की तरफ से लिया जाता है जो की आपके हर यूनिट के सेल पर होती है, जिसका चार्ज आपके कैपिटल गेन का 0.००1% होता है .
तो दोस्तों हम लोगो ने देखा की आपसे किस तरह म्यूच्यूअल फंड्स टैक्स लेता है. और अगर हम पूरा लेख पडने के बाद यह समझे की क्या निष्कर्ष निकलता है तो आप जितने समय तक म्यूच्यूअल फंड्स में बने रहेगी उतना ही लाभ मिल सकता है टैक्स को बचाने में.
हम सभी ने इस article में सिखा की कैसे हम सभी से म्यूच्यूअल फंड्स में टैक्स लिया जाता है वो चाहे इक्विटी में हो या बैलेंस्ड में या डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स में. अगर आपका अभी भी कोई प्रशन हो तो नीचे कमेंट जरुर करे.
इस विडियो को देखकर समझे अगर नहीं समझ आया तो