म्यूच्यूअल फण्ड में एग्जिट लोड क्या होता ? म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी एग्जिट लोड क्यों लेती है ? म्यूच्यूअल फण्ड में एग्जिट लोड कैसे कटता है ? म्यूच्यूअल फण्ड में 1% एग्जिट लोड क्या है? इस तरह के सारे सवालो के जवाब इस आर्टिकल में आपको मिल जाएगे.
म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते है तो हर निवेशक को उसमे लगने वाले चार्ज या फीस के बारे में पता होना चाहिए. एग्जिट लोड भी म्यूच्यूअल फण्ड में फीस की तरह लिया जाता है. या आप इसे एग्जिट फीस कह सकते है. निचे मैंने डिटेल में बात की है. आप किसी भी टॉपिक पर डायरेक्ट जाना चाहते है तो Table Of Content को जरुर देखिये. क्योकि हो सकता है आपको थोडा बहुत एग्जिट लोड के बारे में पता हो. समय बहुत कीमती है.
Table of Contents
म्यूच्यूअल फण्ड में एग्जिट लोड क्या है ?
म्यूच्यूअल फण्ड में एग्जिट लोड एसेट मैनजमेंट कंपनी (AMC) की तरफ से लिया जाता है. और यह तभी लिया जाता है जब आप अपना पैसा उस फण्ड से निकाल लेते है.
- एग्जिट लोड म्यूच्यूअल फण्ड की प्रति यूनिट पर ली जाती है, यानी की NAV पर.
- म्यूच्यूअल फण्ड में एग्जिट लोड हमेसा नहीं लगता है.
- एग्जिट लोड तब ही लिया जाता है, जब आप उस फण्ड के एग्जिट लोड समय के ख़तम होने से पहले अपनी यूनिट को बेचते है.
- एग्जिट लोड का समय एसेट मैनजमेंट कमपनी के द्वारा बता या जाता है .
- एग्जिट लोड ज्यादातर फण्ड में 365 दिन या एक सालो का होता है.
- एग्जिट लोड ओपन – एंडेड फण्ड के साथ जरुर होता है.
म्यूच्यूअल फण्ड में एग्जिट लोड क्यों होता है?
म्यूच्यूअल फण्ड में एग्जिट लोड होने के कुछ कारण है जो मैंने आपको निचे बताये है.
- म्यूच्यूअल फण्ड का निवेश इक्विटी में होता है.
- एग्जिट लोड होने की वजह से निवेशक अपना पैसा म्यूच्यूअल फण्ड में से जल्दी नहीं निकालते है.
- एग्जिट लोंड open-ended म्यूच्यूअल फण्ड में लगाना जरुरी है. क्योकि open-ended फण्ड निवेशको को लॉक इन पीरियड नहीं देता है. जिसके वजह से निवेशक कभी भी open-ended म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर सकते है. और उस open-ended म्यूच्यूअल फण्ड से निकल सकते है.
- म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर अच्हा रिटर्न कमाने के लिए लॉन्ग टर्म के लिए निवेश जरुरी है. इसलिए आपको म्यूच्यूअल फण्ड में एग्जिट लोड मदद करता है उस फण्ड में लॉन्ग टर्म बने रहने के लिए.
म्यूच्यूअल फण्ड में एग्जिट लोड कैसे निकाले?
म्यूच्यूअल फण्ड में एग्जिट लोड निकलने के लिए आपके सामने कुछ कंडीशन रखता हु. जो आपको मदद करेगी एग्जिट लोड को समझने में.
Example:
एक म्यूच्यूअल फण्ड की NAV 100 रूपए है. उस फण्ड में एग्जिट लोड 1% का है 1 साल के लिए. और आप उस फण्ड में 10000 रूपए एकमुश्त (Lumpsum) निवेश करते है, जनुअरी 2020 में. फेबुअरी में दोबारा निवेश करे है और उस समय फण्ड की NAV 110 रूपए है. और उस फण्ड में 10,000 रूपए आप एकमुश्त निवेश करते है.
इस एग्जिट लोड के एक्साम्प्ले में दो कंडीशन बनते है जो नीचे लिखे है.
- अगर आप अपनी म्यूच्यूअल फण्ड की यूनिट नवम्बर के महीने में निकालते है. उस समय उस फण्ड की NAV 120 रूपए होती है.
- अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड की यूनिट जनुअरी के महीने में निकालते है. इस समय फण्ड की NAV 130 रूपए होती है.
इन दोनों कंडीशन को हम एक -एक कर के समजते है.
आपको यह समझना होगा की पहली कंडीशन में आपका दोनों निवेश उस फण्ड एग्जिट लोड फीस के अन्दर आता है. यानी की आपको पूरी यूनिट पर एग्जिट लोड देना होगा. जो की 1% का होगा.
दुसरे कंडीशन में आपको आपका पहला निवेश एग्जिट लोड के बाहर है. और दूसरा निवेश जो की फेब्रुअरी में किया हया है उस निवेश की यूनिट्स को अभी 1 साल होने में 1 महीने में है. इसलिए आपको जनुअरी के यूनिट्स पर एग्जिट लोड नहीं देना होगा. पर आपको फेब्रुअरी के यूनिट पर एग्जिट लोड देना होगा.
पुरे Example को समझने के लिए आप यह विडियो जरुर देखिये. इसमें आपको लाइव मैंने दिखाया की कैसे म्यूच्यूअल फण्ड एग्जिट लोड काटता है.
पहली कंडीशन पर पर एग्जिट लोड
10000\100 = 100 Units in jan
10000/110 = approx. 91 units in Feb
Total units = (100+91) = 191 Units
फण्ड वैल्यू (191*120) = Rs.22,920
Exit Load = 1% of 22920 = 229
टोटल फण्ड वैल्यू (22920-229 = 22691)
दूसरी कंडीशन पर एग्जिट लोड
जनुअरी यूनिट्स + फेब्रुअरी यूनिट्स
13000 + {-1%(Feb NAV) + Feb NAV}
13000 + {-1% (91*130) + 11830}
13000 + 11711.7
टोटल फण्ड वैल्यू : Rs 24,711.7