भारतीय NGO को दुनियाभर से चंदा मिल रहा है. इस बार भारतीय NGO ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. अब तक का सबसे ज्यादा चंदा कलेक्ट किया गया है. आइये जानते है इसके पीछे का कारण और भारतीय NGO से जुड़े कुछ हाल ही के अपडेट.
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NGO क्या होता है?
NGO एक गैर सरकारी संस्था है, जिसमे सरकार की कोई भागीदारी नहीं होती है. NGO में लोग अपना पैसा चंदा के रूप में दान करते है. और यह पैसा लोगो के हित के प्रयोग में लाया जाता है. जैसे की बच्चो के लिए एजुकेशन, वृधा आश्रम, सामाजिक मदद इत्यादि.
पिछले दो दशक (साल 1998-99 से 2017-18) के दौरान एनजीओ को फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेग्यूलेशन एक्ट (FCRA) के तहत कुल 2.08 लाख करोड़ रुपए की फंडिंग मिली है।
कब कितना मिला चंद
- 1999-2000 – 4,535 करोड़ रुपए
- 2000-01 – 4,851 करोड़ रुपए
- 2001-02 – 5,047 करोड़ रुपए
- 2002-03 – 5,105 करोड़ रुपए
- 2003-04 – 6,257 करोड़ रुपए
- 2004-05 – 7,877 करोड़ रुपए
- 2006-07 – 9,663 करोड़ रुपए
- 2007-08 – 10 हजार करोड़ रुपए
- 2008-09- 10,802 करोड़ रुपए
- 2009-10 – 10,338 करोड़ रुपए
- 2010-11 – 10,334 करोड़ रुपए
- 2012-13 – 12,614 करोड़ रुपए
- 2013-14 – 14,853 करोड़ रुपए
- 2014-15, – 15,297 करोड़ रुपए
- 2105-16 – 18,000 करोड़ रुपए
- 2016-17 – 18,109 करोड़ रुपए
- 2017-18 – 16,902 करोड़ रुपए
- 2018-19 – 18,203 करोड़ रूपए
जैसा की आप लोगो ने देखा पिछले एक साल में 18 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा का चंदा मिला है. जबकि इस बार मोदी गवर्नमेंट ने बहुत सारे NGO का लाइसेंस रद्द किया है.
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