गोल्ड लोन क्या है और यह कैसे काम करता है ? Eligibility things to consider before apply

गोल्ड लोन एक तरीक़े का सिक्योर्ड ( secured loan ) है जिसमें एक व्यक्ति अपने सोने को गिरवी रख कर उसके बदले में पैसे ले सकता है। यह लोन बैंक या कोई भी financial institution दे सकता है । लोन अमाउंट सीधा हमारे बैंक खाते में आजाती है । आइये कुछ ज़रूरी बाते जो आपको गोल्ड लोन लेते समय ध्यान में रखना चाहिए:

  • लोन का अमाउंट सोने की कीमत के आधार पर तय किया जाता है ।
  • लोन लेते वक़्त सोने की प्रेजेंट प्राइस को हमेशा ध्यान में रखना ज़रूरी है ।
  • लोन लेने के बाद हर महीने हमे एक इंटरेस्ट अमाउंट पे करना होता है
  • गोल्ड लोन पर इंटरेस्ट रेट आम तौर पर 10% से 15% प्रति वर्ष के बीच होती हैं। लेकिन यह रेट बैंक या फाइनेंस कंपनी के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं।
  • अगर हमे गोल्ड लोन 10% annually मिला है तो हर महीने हमे 0.83 % इंटरेस्ट के रूप में देना होगा ।

गोल्ड लोन पर ब्याज दरे कैसे निश्चित होती है?

गोल्ड लोन पर ब्याज दर कई फैक्टर पर आधारित होता है आइए उन सभी के बारे में अच्छे से समझते है:

० सोने की कीमत:

सोने की कीमत गोल्ड लोन की राशि तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सोने की कीमत अधिक होने से लोन की राशि भी अधिक होगी। सोने की कीमतें समय-समय पर बदलती रहती हैं,

० लोन की राशि:

लोन की राशि सोने की कीमत के आधार पर तय की जाती है । आम तौर पर, बैंक या फाइनेंस कंपनी सोने की कीमत का 75% से 90% तक लोन देते हैं। उदाहरण के लिए, यदि सोने की कीमत 1 लाख रुपये है, तो लोन की राशि 75,000 से 90,000 रुपये तक हो सकती है।

० लोन की अवधि:

लोन की अवधि गोल्ड लोन की ब्याज दरों को प्रभावित करती है। थिडे टाइम लिए लिया गये लोन पर ब्याज दरें अधिक होती हैं, जबकि जायदा टाइम के लिए गये लोन पर ब्याज दरें कम होती हैं। आम तौर पर, गोल्ड लोन की अवधि 6 महीने से 3 साल तक होती है।

इन कारणों की वजह से हमारा इंटरेस्ट रेट अफेक्ट हो सकता है

इसके बाद अगर आपको लोन टेन्योर एक्सटेंड करना हो तो अपना गोल्ड लोन रिन्यू (renew) करवाना पड़ेगा ।

गोल्ड लोन रिन्यू कब कराया जाता है:

गोल्ड लोन को रिन्यू का मतलब है कि गोल्ड लोन की अवधि समाप्त हो चुकी है और आपको उस गोल्ड लोन को दोबारा आगे चालू रखना है कि नहीं? ये बैंक या उस वित्तीय संस्था को बताना होता है। आइये समझते है कुछ पॉइंट्स में की कब गोल्ड लोन रिन्यू करना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

  • लोन की अवधि समाप्त हो जाती है:
  • लोन की अवधि समाप्त होने से पहले रिन्यू कराना जरूरी है।
  • अवधि समाप्त होने के बाद ब्याज दरें बढ़ सकती हैं।
  • आप लोन को और समय के लिए एक्सटेंड करना चाहते हैं:
  • लोन की अवधि बढ़ाने के लिए रिन्यू कराएं।
  • इससे आपको अधिक समय मिलेगा लोन चुकाने के लिए।
  • आप लोन की टर्म्स और कंडीशन्स को बदलना चाहते हैं:
  • ब्याज दरें कम करने के लिए रिन्यू कराएं।
  • ⁠लोन की राशि बढ़ाने या घटाने के लिए रिन्यू कराएं

गोल्ड लोन रिन्यू नहीं करवाया तो क्या क्या हो सकता है ?

1.⁠ ⁠ब्याज दरें बढ़ सकती हैं:

लोन रिन्यू नहीं कराने से, आपके लोन पर ब्याज दरें बढ़ सकती हैं। और यह आधारित होगा उस समय की इंटरनल ब्याज दर पर जो बैंक की MCLR होती है साथ ही यह डिपेंड करेगा RBI की REPO Rate पर।

2.⁠ ⁠पेनल्टी लगू हो सकता है:

बैंक/फाइनेंस कंपनी पेनल्टी लगू कर सकती है। यह जुर्माना आपके लोन को सही टाइम पर क्लोज ना कर पाने या अगर आपने किसी तरह की ब्याज EMI मिस की होगी। साथ ही लोन पर जुर्माना आपके लोन अकाउंट की रिन्यू की जानकारी बैंक को ना देने पर भी लगाई जा सकती है।

3.⁠ ⁠लोन अकाउंट बंद हो सकता है:

लोन अकाउंट बंद होने की स्थिति दो तरीक़े से आती है: पहली की जब आप अपना लोन अमाउंट चूका दे और दूसरी स्थिति तब आती है जब आपने बैंक को रिन्यू की जानकारी ना दी हो या फिर आपने कोई EMI मिस की हो। इस स्तिथि में बैंक बाध्य होता है कि वो आपके लोन अकाउंट को बंद कर दे।

4.⁠ ⁠सिबिल स्कोर प्रभावित हो सकता है:

गोल्ड लोन जेनरली लोग अपने CIBIL या Credit Score को सुधारने के लिए करते है। लेकिन यही आपके CIBIL Score को कम कर सकता है। क्योकि गोल्ड लोन सिक्योर्ड लोन की केटेगरी में आता है और सिक्योर्ड लोन को डिफ़ॉल्ट करने पर CIBIL स्कोर पर ज़्यादा इंपैक्ट पड़ता है। इसलिए गोल्ड लोन को टाइम रहते रिन्यू करवाना ज़रूरी हो जाता है।

5.⁠ ⁠कानूनी कार्रवाई की जा सकती है:

बैंक/फाइनेंस कंपनी कानूनी कार्रवाई कर सकती है।जिससे आपको फिर लीगल प्रोसेस से गुजरना पड़ेगा ।

6.⁠ ⁠गोल्ड ऑक्शन किया जा सकता है:

अगर आप लोन राशि और ब्याज नहीं चुकाते हैं, तो बैंक/फाइनेंस कंपनी आपका गोल्ड ऑक्शन कर सकती है।

इसलिए, यह जरूरी है कि आप अपना गोल्ड लोन रिन्यू करावाते रहें और समय पर पेमेंट करते रहें।

गोल्ड लोन को रिन्यू कराते समय इन बाटो का ज़रूर ध्यान रखें:

•⁠ ⁠लोन रिन्यू कराने से पहले बैंक/फाइनेंस कंपनी की पॉलिसीज़ और टर्म्स & कंडीशन्स को ध्यान से पढ़ें।

•⁠ ⁠लोन रिन्यू कराने के लिए आपको नए डॉक्यूमेंट्स प्रोवाइड करने पड़ सकते हैं।

•⁠ ⁠लोन रिन्यू कराने के बाद आपके लोन की टर्म्स और कंडीशन्स बदल सकती हैं।

Gold लोन रिन्यू कराने की टाइमिंग:

1. लोन की अवधि समाप्त होने से पहले- गोल्ड लोन लेते वक़्त अपने गोल्ड लोन की अवधि को ध्यान में रखे और टाइम पूरा होने से पहले ही रिन्यू कराले वरना आपको मुश्किल हो सकती हैं ।

2.लोन की अवधि समाप्त होने के 30 दिन पहले – लोन की अवधि समाप्त होने के 30 दिन पहले रिन्यू कराना अच्छा है

•⁠ ⁠इससे आपको लोन की अवधि बढ़ाने में मदद मिलती है।

•⁠ ⁠लोन की अवधि समाप्त होने के ३० दिन पहले रिन्यू कराने से पेनल्टी से बचा जा सकता है।

3.बैंक/फाइनेंस कंपनी की पॉलिसीज़ के अनुसार-

•⁠ ⁠बैंक/फाइनेंस कंपनी की पॉलिसीज़ के अनुसार लोन रिन्यू कराना जरूरी है।

•⁠ ⁠बैंक/फाइनेंस कंपनी की पॉलिसीज़ में लोन रिन्यू की समय सीमा तय होती है।

•⁠ ⁠बैंक/फाइनेंस कंपनी की पॉलिसीज़ के अनुसार लोन रिन्यू कराने से आपको लोन की अवधि बढ़ाने में मदद मिलती है।

गोल्ड लोन के फायदे:

1.⁠ ईज़ली अवेलेबल :

गोल्ड लोन आसानी से उपलब्ध होता है, क्योंकि यह सुरक्षित लोन है। बैंक और फाइनेंस कंपनियां गोल्ड लोन देने के लिए तैयार रहती हैं, क्योंकि इसमें गोल्ड को सुरक्षा के रूप में रखा जाता है।

2.कम ब्याज दरें:

गोल्ड लोन पर ब्याज दरें अन्य लोनों की तुलना में कम होती हैं। यह इसलिए है, क्योंकि गोल्ड लोन सुरक्षित होता है और बैंक को अपना पैसा वापस मिलने की गारंटी होती है।

3.लेस पेपरवर्क:

गोल्ड लोन के लिए ज़्यादा पेपरवर्क करने की अवशकता नहीं होता है पर, आपको अपने पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ और गोल्ड के कागज़ दिखाने होते हैं।

4.तेज़ प्रक्रिया:

गोल्ड लोन की प्रक्रिया तेज़ और आसान होती है। आप अपने गोल्ड को बैंक में रखकर तुरंत लोन ले सकते हैं।

5.सुरक्षित:

गोल्ड लोन सुरक्षित होता है, क्योंकि गोल्ड को सुरक्षा के रूप में रखा जाता है। इससे बैंक को अपना पैसा वापस मिलने की गारंटी होती है।

इन फ़ायदे के साथ कुछ नुक़सान भी है आइये जानते है गोल्ड लोन लेने के क्या क्या नुक़सान हो सकता है ।

गोल्ड लोन के नुकसान:

1.⁠ ⁠गोल्ड का रिस्क :

गोल्ड लोन में आपका गोल्ड सुरक्षा के रूप में रखा जाता है। यदि आप लोन नहीं चुकाते हैं, तो बैंक आपका गोल्ड बेचकर अपना पैसा वापस प्राप्त कर सकता है। इससे आपको अपने गोल्ड का नुकसान हो सकता है।

2.ब्याज दरें:

गोल्ड लोन पर ब्याज दरें बढ़ सकती हैं। यदि ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो आपको अधिक ब्याज देना होगा। इससे आपकी ईएमआई बढ़ सकती है।

3. पेनल्टी:

गोल्ड लोन में पेनल्टी लग सकती है, यदि आप लोन समय पर नहीं चुकाते हैं। पेनल्टी की राशि आपकी ईएमआई में जोड़ दी जाती है। इससे आपका लोन का बोझ बढ़ सकता है।

4. सिबिल स्कोर:

गोल्ड लोन का प्रभाव आपके सिबिल स्कोर पर पड़ सकता है। यदि आप लोन समय पर नहीं चुकाते हैं, तो आपका सिबिल स्कोर खराब हो सकता है। इससे आपको भविष्य में लोन लेने में मुश्किल हो सकती है।

5. गोल्ड की कीमत:

गोल्ड की कीमत कम होने से लोन की राशि कम हो सकती है। यदि गोल्ड की कीमत कम होती है, तो आपका गोल्ड कम मूल्य का हो जाता है। इससे आपको कम लोन मिल सकता है।

6. लोन की अवधि:

गोल्ड लोन की अवधि कम होती है, जिससे आपको जल्दी रीपेमेंट करना होता है। इससे आपकी ईएमआई अधिक हो सकती है।

* गोल्ड लोन में अन्य शुल्क:

गोल्ड लोन के अलावा, आपको अन्य शुल्क भी देने होते हैं। ये शुल्क आपके लोन की राशि में जोड़ दिए जाते हैं

गोल्ड लोन लेते समय लगने वाले सभी शुल्क :

1.⁠ ⁠प्रोसेसिंग फीस (Processing Fee):

यह शुल्क गोल्ड लोन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए लिया जाता है। यह शुल्क आमतौर पर लोन की राशि का 0.5% से 2% तक होता है।

उदाहरण: यदि आपका लोन 1 लाख रुपये का है, तो प्रोसेसिंग फीस 500 रुपये से 2000 रुपये तक हो सकती है।

2.सर्विस चार्ज (Service Charge):

यह शुल्क गोल्ड लोन की सेवाओं के लिए लिया जाता है, जैसे कि लोन की निगरानी और रखरखाव। यह शुल्क आमतौर पर लोन की राशि का 0.25% से 1% तक होता है।

उदाहरण: यदि आपका लोन 1 लाख रुपये का है, तो सर्विस चार्ज 250 रुपये से 1000 रुपये तक हो सकता है।

3. लोन रीन्यूअल फीस (Loan Renewal Fee):

यह शुल्क गोल्ड लोन को रिन्यू करने के लिए लिया जाता है। यह शुल्क आमतौर पर लोन की राशि का 0.5% से 2% तक होता है।

उदाहरण: यदि आपका लोन 1 लाख रुपये का है, तो लोन रीन्यूअल फीस 500 रुपये से 2000 रुपये तक हो सकती है।

4.डॉक्यूमेंटेशन चार्ज (Documentation Charge):

यह शुल्क गोल्ड लोन के दस्तावेज़ तैयार करने के लिए लिया जाता है। यह शुल्क आमतौर पर 500 रुपये से 2000 रुपये तक होता है।

उदाहरण: यदि आपका लोन 1 लाख रुपये का है, तो डॉक्यूमेंटेशन चार्ज 500 रुपये से 2000 रुपये तक हो सकता है।

इसलिए, गोल्ड लोन लेने से पहले इन शुल्कों को ध्यान में रखना आवश्यक है।

गोल्ड लोन के लिए Eligibility

1.⁠ ⁠आयु (Age ): 18 से 70 वर्ष

गोल्ड लोन लेने के लिए आपकी आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यह आयु सीमा बैंक की नीतियों के आधार पर भिन्न हो सकती है।

2. सोने की कीमत : कम से कम 10 ग्राम

गोल्ड लोन लेने के लिए आपके पास कम से कम 1 ग्राम सोना होना चाहिए। गोल्ड के करंट प्राइस के बेस पर आपको गोल्ड लोन मिल जाता है।

3. सोने की शुद्धता : 22 कैरेट या अधिक

गोल्ड लोन लेने के लिए आपके सोने की शुद्धता 22 कैरेट या अधिक होनी चाहिए।जभी आप गोल्ड लोन ले सकते है ।

गोल्ड लोन लेने से पहले ध्यान रखने वाली ज़रूरी बाते:

1.⁠ ⁠सोने की कीमत जाने

गोल्ड लोन लेने से पहले अपने सोने की कीमत का मूल्यांकन करें। इसके लिए आप ज्वेलर या असेसर से संपर्क कर सकते हैं। सोने की कीमत का मूल्यांकन करने से आपको पता चलेगा कि आपको कितना लोन मिल सकता है.

2.ब्याज दर की तुलना करें:

विभिन्न बैंकों और फाइनेंस कंपनियों की ब्याज दरों की तुलना करें। इसके लिए आप ऑनलाइन या ऑफलाइन रिसर्च कर सकते हैं। कम ब्याज दर वाला लोन आपको अधिक फायदेमंद होगा

3.रीपेमेंट की योजना बनाए:

गोल्ड लोन लेने से पहले रीपेमेंट की योजना बनाए। इसके लिए आप अपनी आय, व्यय और वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करें। रीपेमेंट की योजना बनाने से आपको लोन चुकाने में मदद मिलेगी.

4.लोन की राशि का उपयोग सही करें:

गोल्ड लोन की राशि का उपयोग सही तरीके से करें। इसके लिए आप अपने वित्तीय लक्ष्यों का विश्लेषण करें। लोन की राशि का उपयोग सही तरीके से करने से आपको वित्तीय लाभ मिलेगा.

इन टिप्स को ध्यान में रख करके आप गोल्ड लोन लेने में मदद पा सकते हैं और अपने फाइनेंसियल गोल्स को पूरा कर सकते है ।

निष्कर्ष/Conculsion :

गोल्ड लोन एक सुरक्षित और आसान तरीक़ा है जिससे आप अपनी पैसों से जुड़ी समस्याओं को पूरा कर सकते है । यह एक अच्छा ऑप्शन है। गोल्ड लोन के लिए सही बैंक या फाइनेंस कंपनी को चूस करना और रीपेमेंट की योजना बनाना ज़रूरी है। इस लोन के माध्यम से आप अपने फाइनेंसियल गोलस को पूरा कर सकते हैं और अपने जीवन को सुधार सकते हैं।लेकिन गोल्ड लेने से पहले आपको यह भी ध्यान में रखना ज़रूरी है कि इसके कुछ फ़ायदे भी है और कुछ नुक़सान भी है तो इसलिए, इसे समझें और सही तरीके से उपयोग करें।

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